मौसम-मौसम लवली मौसम...फ़िल्मी गाने का ये मुखडा हर ऋतु में प्राकृतिक बदलाव को दिल से जोड़ता रहता है !!!..अब अभी गुलमर्ग से लेकर पूरी घाटी ...और हिमाचल के कई स्थानों में पारा शून्य से नीचे टिका है ...तो उत्तर भारत से लेकर मुंबई तक में सर्दी का दशक पुराना रिकार्ड टूट रहा है ...|....कही अलाव जल रहे है तो कही रजाई में ठुठरन का इंतजाम हों रहा है ...कही बर्फ के गोलों से अठखेलियाँ हों रही है ...तो कही टूरिस्ट एजेंसियों की दिवाली हों रही है ...कही चुनावी गर्मी शीतलहर के छक्के छुड़ा रही है ....!!!
इन चोको -छक्को के बीच शीतलहर से होने वाली मौतों का मातम नईसाल की शेम्पेन और पटाखों के शोर में बिसराया जा रहा है ....शीतलहर ही क्यों बाढ़ के सेलाब. ...झुलसाती लू के थपेडो के बीच टूटने वाली सांसो की गिनती किसे याद रहती है ...????..हर बार हम इन्हें भुलाने के लिए कोई न कोई त्यौहार निकाल ही लेते है ....हमारी सोसायटी भी इतनी निर्मम हों गई है कि यदि कोई पीडितो को कम्बल ..भोजन ..दवा मुहईया करता है तो ...आवाजें आती है देखो -देखो नेतागिरी कि तैयारी हों रही है ....??? ...आखिर ....एक ऋतु आये ..एक ऋतु जाए ... मौसम बदले न बदले नसीब ....का गाना कब तक बजता रहेगा ...???
इन चोको -छक्को के बीच शीतलहर से होने वाली मौतों का मातम नईसाल की शेम्पेन और पटाखों के शोर में बिसराया जा रहा है ....शीतलहर ही क्यों बाढ़ के सेलाब. ...झुलसाती लू के थपेडो के बीच टूटने वाली सांसो की गिनती किसे याद रहती है ...????..हर बार हम इन्हें भुलाने के लिए कोई न कोई त्यौहार निकाल ही लेते है ....हमारी सोसायटी भी इतनी निर्मम हों गई है कि यदि कोई पीडितो को कम्बल ..भोजन ..दवा मुहईया करता है तो ...आवाजें आती है देखो -देखो नेतागिरी कि तैयारी हों रही है ....??? ...आखिर ....एक ऋतु आये ..एक ऋतु जाए ... मौसम बदले न बदले नसीब ....का गाना कब तक बजता रहेगा ...???
आजकल मौसम बेईमान है बढा ...आने वाला है कोई तूफ़ान बढा...आप को लिखने है ब्लॉग बढा..और हमारी ओर से आप को है साधुवाद बढा...
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