आज से ऋतु राज का शुभागमन है ...!!!वसंत पंचमी से कई अंगडाई पर उतारू हों जायेंगे ...तो कई डंडों को तेल पिलाने में पिल पड़ेंगे ...तो कैयक प्रेसनोट की तैयारियों में कलम तेज करने में मग्न हों जायँगे...???...बेचारे प्रेमियों की खातिरदारी में बल तेनाती की कवायदें होंगी ..टीवी चैनलों के स्ट्रिंग ऑपरेशन की उलटी गिनती चालू हों चुकी होगी ...!!!इधर दीवानों ने भी शेरो शायरी और फ्रेंड्स को मनाने के एस.एम्.एस के पैकेज से आश्की का पैग चढ़ाना शुरू कर दिया होगा तो नए -नए नेता बनने की जुगत में बलवानो ने पार्को की रैकी की दंड बैठकों का दोर चालू कर दिया होगा ..!!!.....जेड श्रेणी के ऐसे वैलकम का अंदाजा हमारे श्रंगारिक कवियों को रहता तो वे ऋतुराज को वानप्रस्थी ऋतु घोषित कर देते ...पर माँ शारदा के दिन के पुण्य प्रताप से कवियों ने ऋतुराज का सच्चा दर्शन अपनी रचनाओं में दर्शाया ...!!!
इस दर्शन को मैकाले दूतों ने वेलेंटाइन डे की चाशनीमे बाजारू बनाकर सारा गुड गोबर कर दिया ..वर्ना गीत -गोविन्द ,मेघदूतम ...खजुराहो के देश में प्रेम को लेकर पंगेबाजी के हुडदंग की गुंजाइश ही कहा बचती है ...???...
क्या टी.आर.पी. वाले ऋतुराज को शान्ति से जीने देंगे ...????
इस दर्शन को मैकाले दूतों ने वेलेंटाइन डे की चाशनीमे बाजारू बनाकर सारा गुड गोबर कर दिया ..वर्ना गीत -गोविन्द ,मेघदूतम ...खजुराहो के देश में प्रेम को लेकर पंगेबाजी के हुडदंग की गुंजाइश ही कहा बचती है ...???...
क्या टी.आर.पी. वाले ऋतुराज को शान्ति से जीने देंगे ...????
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