Wednesday, December 26, 2012

अथ दंड महात्म

         वैसे   तो     भय बिन प्रीत न होय गुंसाई ...सीधी ऊँगली घी नहीं निकलता ....जैसे वचनामृत  भय ..डर..दंड ..के भावार्थ का बखान सदियों से कर रहे हैं..!!!...पर समय के साथ -साथ कनबतियो के अंदाजेबयां जुदा होते जाते है ..! ..जलियांवाला बाग ,रामलीला मैदान,स्टिंग ऑपरेशन....आदि -आदि सत्य कथायें...डर की मनोहर -नूतन  व्याख्या कर रही है ...!!  ..इन मीमांसाओं के बीच  आज के युग में खबरिया चैनलो  ने पाप -न्याय-दंड की ऐसी त्रयी प्रकट कर दी कि ..न्याय शास्त्री भी ३६० डिग्री घूम गए ...समानांतर ट्रायल्स सनसनी-वारदात के अर्जुन बनकर अपनी -अपनी चिडियाओ को काना करने लगे !!!!
                                   आज के       अर्जुनों      की         इस बटेरबाजी  ने खानदानी शिकारियों के कान खड़े कर दिए ..डर के बाजार में सेंधमारी ....???? हमारी बिल्ली हमी से मियआऊ...!!! यार हमारी बात सुनो..ऐसा एक इंसान सुनो जिसने पाप न किया हो ..जो पापी न हो ...बस पेड न्यूज ..पीतपत्रकारिता ...ब्रेकिंगन्यूज..की कमजोर नब्ज के बीच जहर को जहर से मारने  के नुश्खे से स्टिंगगरो का  स्टिंग कर दिया ...!!! २ जी से दरकते फौर्थ पिलर में फूट को देखकर १०० करोड के कामियो को ऐसा दबोचा गया  कि इण्डियागेट कांड में बेचारे पट्टीचलाने में  में बुद्धू बक्से से भी आगे निकल गए ...!!!! संसद तक में इनका परमिट रद्द करने की आवाज आई ...पर मित्रों जो मजा मुर्गा बनाने में है ..वो मुर्गा काटने में कहा..जब तक चाहेंगे मुर्गा बाग देगा ....     ..... वंदे दंड महात्म ...वंदे ....?????