Wednesday, December 18, 2013

साल तेरा -मेरा

साल तेरा……  भई  छुट्टी की बेरा……  बुंदेली  मस्ती में ये गुनगुनाहट……  कुछ को भनभनाहट लग रही होगी ??? …… पर गुनगुनाहट और भनभनाहट दोनों में ....... जिन्हे हम   भूलना चाहे वो अक्सर याद आते है…… का तराना .......  बढ़ती ठण्ड में गर्माहट घोल रहा है !!!…भला लगातार ६ सीरीज जीतने की  गुनगुनाहट  को केसे रोकेंगे यह दीगर है कि  जाते -जाते परदेश में बढ़िया  सलामी हो रही है …!!!....  आपको अपनी जीत  की गुनगुनाहट का पूरा हक़ है भले ही आखिर  में उनके  जोक बन  रहे हैं …… !!!… निर्भयता की गुनगुनाहट को जाते-जाते कितनो ने हल्का कर दिया....   हल्केपन की दरारे  चौखाम्भो  से भनभना  रही है ???  तोता -मेना की कहानी के कितने फ़साने हुए पर हमारी बिल्ली के हमी से मियाऊ का अफसाना  भूले से भी नहीं भूलता…   !!!                                                                                                                                                          भूल -भुलैया के  दीदारे  आम  में  सूबाई खदबदाहट को कौन भूलेगा…भूलना तो दूर अगले साल की धुप्पल में सब एक दूसरे   की  धुलाई  का दावा थोक रहे है. …धुलाई  कोई खेल नहीं धुलना भी एक कला है  इसे  भी हमने  खेलो  में जाना ???…और हां विदेशी एयरपोर्टो पर   इस  धुलाई का कोई असर नहीं  उनकी तलाशी  की गंदगी कोई याद नहीं करना चाहेगा पर अभी जो अकड़ हम दिखा रहे है उसकी कायमी पर गुनगुनाहट टिकी है ।                                                                                                                                                     इस गुनगुनाहट में २००से ३०० करोड़ी बनने की गर्माहट बॉक्स ऑफिस में दिखी तो धोखाधड़ी के असल किस्से भी बम्बइया पुत्त रो को कोर्ट खींच लाये !!!आतंक के साये की भनभनाहट का विकृत रूप दरभा से लेकर एलओ सी तक दुश्मनी बरपाता रहा ?? ……  समय बड़ा वलवान है.…… सो साल तेरा को भी कहना पड़ेगा…  मेने देखा -तुमने देखा -सबने देखा एक दुश्मन जो दोस्तों से भी प्यारा है…!!!