Thursday, December 22, 2011

Billya: मन की जीत

Billya: मन की जीत: ...तोरा मन दर्पण कहलाये ...भले बुरे सारे कर्मो को देखे और दिखाये....!!! फेसबुक पर नाना प्रकार के वायरस की मारी फोटुओं को लेकर फू-फू करने वाल...

मन की जीत

...तोरा मन दर्पण कहलाये ...भले बुरे सारे कर्मो को देखे और दिखाये....!!! फेसबुक पर नाना प्रकार के वायरस की मारी फोटुओं को लेकर फू-फू करने वालो ने सायद इस गाने को याद रखा होता ...तो उन्हें परम शांति मिलती ..???...खुद का मन जब खुद का नहीं हुआ तो आपके फेस बुक अकाउंट का कैसे होता ?? दुनिया में सभी बड़े बुजुर्गो से लेकर तमाम धर्मो ने मन की ही तो चिंता की है ....क्योकि मन है की मानता ही नहीं है ...!!!...फेसबुक की ललचाती गुगली को देख कर   मन डोला    और  गुगली को छुआ नहीं  कि चारों और मित्रों की सीटियाँ ऐसे  बजने लगी जैसे युवराज ने छक्का मारा हों .... खुद की वाल पर मित्रों कि   सचित्र आह -वाह देखकर जब तक सर चकराता तब तक तो गुगली गिल्लिया उड़ा चुकीथी ...!!!....अपुन समेत बहुतेरे इस चितवन को  देखकर ..ठगा सा महसूस कर रहे है  ... ???
                                                       ऐसी ही सजा के  शिकार वो भी होते है जो ..दबी जुबां से सिक्रेट्स बताते हुए सम्पुट देते है ..ये बात किसी को न बताना और वह बात खुद को छोडकर सबकी जुबान  पर तेरनी लगती है ...???   मित्रों मन है ही ऐसी  बला की जहा रोका की वहीं धोका ..  .. पीले कवर की किताबे ...लेट नाइट टीवी सीरियल ...मोबाइलों में विहंगम किल्पे ...पेन -ड्राइव  में पोर्न डाइविंग ...परीक्षा  में मुन्ना गिरी ...जैसी विचित्र किन्तु सत्य कथाएँ  मन पर जबरिया कब्जे की उपज है ..........तात अपने ही मन को ठगने की यही खता है ....!!!

Sunday, December 18, 2011

Billya: बालिका भ्रूणहत्या

Billya: बालिका भ्रूणहत्या: आज महोबा रोडएवंजिला अस्पताल के पास छतरपुर नगर में नवजात भ्रूण मिलने कि खबर आई है ....खबर चलेगी -बिकेगी और पिछले दिनों कि भांति ही लिंग परीक्...

बालिका भ्रूणहत्या

आज महोबा रोडएवंजिला अस्पताल के पास छतरपुर नगर में नवजात भ्रूण मिलने कि खबर आई है ....खबर चलेगी -बिकेगी और पिछले दिनों कि भांति ही लिंग परीक्षणों कि प्रवति जारी रही तो ...तो इस बात की  भी  क्या गारंटी है कि आगे सडको पर मानवता शर्मसार नहीं होगी ????....अमूनन रोज ही ऐसी  उब्कायिया भरी खबरें अखबारों में फिलर्स बनी आती है  तो कभी -कभी किसी चैनल के   क्राइम  रिपोर्टर कि नोकरी पक्की करती है ....!!!!...इन चीजों से इतना तो साफ़ है कि सिर्फ गरियाने से यह बी मारी खत्म नहीं होगी ...!!!  
                                     दरसल इस बीमारी की जड़ हमारी उस मानसिकता में छुपी है जो बेटे के जन्म में ही खुशियाँ  देखती है ??....इसकी पुष्टि हाल  ही की जनगढ़ना के उस   आरंभिक निष्कर्स से भी होती है जिसके अनुसार जिले में जन्म से ६ वर्ष के आयु वर्ग में लिंगानुपात घटा है ....!!!!...पिछले ९१७ की तुलना में सिर्फ ८९४ प्रति हजार का आरंभिक अनुमान है ....यहाँ पर कुलआयु वर्ग में लिंगानुपात ८६९ से बढ़कर८८४ होने की  सार्थकता धुँधली हो जाती है  क्योकि हम बेटियों को जन्मने ही नहीं दे रहे ,,,???..खबरों के मुताबिक .कसाईयो का  एक हिस्सा जिले के सीमावर्ती क्षेत्रो में  वेन आदि में सोनोग्राफी  मशीन के अवैधानिक प्रयोग से गर्भस्थ शिशु को बालिका भ्रूण पाने पर समापन करता है तो कही -कही चोरी छुपे ऐसा समापन किया जाता है ......मित्रों यह गर्भ समापन नहीं वरन शुद्ध मानव वध है ...यह पेट की सफाई नहीं व  ल्कि क्रूर हत्या है ...!!!..जिस प्रकार मिक्सी से जूस निकला जाता है वैसे ही बालिका  भ्रुण को विभत्सता के साथ मौत के घाट उतारा जाता है ...???
                                                        आज भले ही लिंगपरिक्षण क़ानूनी अपराध हो और इसकी सुचना देने वाले को ए़क लाख रु,तक का इनाम घोषित हो पर इसके लिए हमें ए़क सामाजिक आंदोलन की जरुरत है और म.प्र. शासन ने बेटी -बचाओ अभियान के रूप में इसकी अलख भी जगाई है पर इसकी सफलता तभी है जब आप और हम इसे मात्र सरकारी अभियान न समझते हुए बेटी बचाने आगे आये..... विशेषकर तब जब   लिंग परिक्षण और   भ्रूणहत्या  गाँवों की तुलना में शहरों में ज्यादा हो
रही हों......???

Friday, December 16, 2011

Billya: दाऊ और डाऊ

Billya: दाऊ और डाऊ: सेकंड डिविज न में बांदरी हाई  स्कूल से मेट्रिक परीक्षा पास करने के बाद पी.ई.टी. बगेरह में फ़ैल होने के बाद बापू ने आख़िरकार सागर  विश्वविद्य...

दाऊ और डाऊ

सेकंड डिविज न में बांदरी हाई  स्कूल से मेट्रिक परीक्षा पास करने के बाद पी.ई.टी. बगेरह में फ़ैल होने के बाद बापू ने आख़िरकार सागर  विश्वविद्यालय सागर में दाखिले का हुक्म दिया ....आमीन कहते हुए बंदा यू.टी.डी एस.बी.आई. ब्रांच से  प्रवेश फॉर्म  लेने लाइन में लग गया ...और धक्का-मुक्की में   लंचटाइम  तक फॉर्म नसीब नहीं हुआ...इस बीच कुछ हट्टे -कट्टे  बाँके आये और ...को का के रवो ...का नारा लगते हुए विजयी-मुद्रा  में  फॉर्म लहराते हुए बैंक बाबू को ...बड्डे -जय राम ..कहते हुए फुर्र हो गए ....!!!!...सकपकाते हुए मेने  लाइन के  साथी ,जो सुबह से अब तक लगभग मेरा रिश्तेदार बन चूका था ,से पूछा भईया ये रणबांकुरे कौन थे ...???....गुरु जे इते के  दाऊ आंए...को का के रवो ....???...मेने भी दाउगिरी दिखाते हुए दहाड़ मारी.. को का के रवो ..और फॉर्म मेरे हाथों में शोभायमान हो गया ....दाउगिरी  का ये पहला नमूना अपने सामने आया था ...!!!
                                                      स्टूडेंट  लाइफ के दौरान ही पता चला की कुछ दरबारी अपने नेताओं को दाऊ बोलते है तो परिवार - गांव-मुहल्लो में भी बड़े भाई या बुजुर्गो को भी दिल से दाऊ पुकारा  जाता है ..... अलबत्ता     अमरीका जैसे देश भी   अपनी डिक्शनरी में इस दबंग शब्द को ठूंस रहे है ....यह दीगर बात है कि वो इसे डाऊ पुकारते है ...!!!!....शब्द कि महिमा देखिये ..डाऊ ..दाऊ  बनकर लन्दन ओलोम्पिक के सीने पर चडकर  अट्टहास कर रहा है ...को का के  रवो ......भोपाल गैस कांड पीडतों .. सभी  हिंदुस्तानियों को चिढाता हुआ ..अंतररास्ट्रीय ओलंपिक संघ से कह  रहा है ...बड्डे जय राम ...!!!..   दाऊ गिरी के इस नवीनतम नमूने के आगे हम सब  दण्डवत हो कर सिर्फ    राम नाम सत्य करने में  ही जुटे है .....????

Wednesday, December 7, 2011

...गर मोबाइल न होता ...

अगर तुम न होते तो ऐसा होता ...वैसा होता ...दुनिया की सारी फंताशिया इसी के इर्दगिर्द मडराती है !!!आजकल बेचारा मानुष इतना  मोबाईल हो गया है की उसे सुस्ताने की दम नहीं है सो फंतासियां तो हवा हो गई है ...और बस वो तो आहें भर रहा है ....गर मोबाइल न होता ...???...अब्बल तो बॉस ही न ढूड पाता...प्रिये तंग भी न करती ...बच्चे पुकार ही नहीं लगा पाते...उधारी वाले सिर ही पीटते रहते ...गाड़ी पर सवार प्रेमी कनबतियां कर रोड जाम न करते ...वाहन दुर्घटनाएँ न बढती ...निद्रा प्रेमियों की तन्द्रा-भंजित न होती ...बगेरह-बगेरह ....!!!
                                            पर दोस्तों  न्यूटन  की क्रिया -प्रतिक्रिया से भला कौन बचा है ...सो ..मोबाइल न होता तो हम और आप कैसे बतिया पाते ...आपातकालीन सुचनाये कैसे साझा कर पाते ..अफसर बाबुओं पर रोब कैसे गांठ पाते ..बीबी पतियों को मजनू बनने से कैसे रोक पाती...लैला कॉल डिटेल कैसे देखती ...मिस्सड कॉल को कैसे मिस  करते ...पुलिस बिना कॉल डिटेल के कितना परेशां होती ...तिहाड़ की शोभा कैसे बढती ...जी शब्द   महिमामंडित कैसे होता...????  हरिअनंत हरि कथा अनंता ...मुंडे-मुंडे मतर्भिन्ना ...स्याद्वाद के दर्शन मोबाइल कथा में भी व्यक्त हो रहे है  .... मोबाईल तो ठीक..... गर दुनिया न होती  ....???

Sunday, November 6, 2011

देवउठनी एकादशी

आज फिर पटाके फूट रहे है ...दिए झिलमिला रहे है ..खील-बताशे बांटे जा रहे है ..भई..देव जो उठ गए है !!!...नास्तिक टिप्पणियाँ करते फिरते है कि क्या देव सो रहे थे ??? अज्ञानियों...    देव तो सर्व जागृत है ...बस वर्षाकाल  के चौमासे में सनातन काल से परिणयसूत्र अवरुद्ध होने की स्थिति , संतो के आवागमन की कठिनता एवं भक्तो की सुविधा  के कारन देव शयन की महिमा प्रभु की कृपालुता का ऐसा अनूठा उदहारण है जो सनातन परम्परा में भक्तो की विराटता के दर्शन कराता है !!!...प्रभु के समक्ष भक्तो की इसी विराटता से आज भी सनातनीहजारों सालो की चुनोतियो को पार कर सनातनी है और आगे भी अमर रहेगे !!!..शबरी के बेर ,अर्जुन का रथ ,मीरा का यश ...जैसे अनगिनत प्रशंग भक्तो के प्रति भगवन के वात्सल्य अवतार को व्यक्त करते है ...और देवशयनी से देवउठनी ग्यारस की लीला प्रभु की पालनहारी छवि का दर्शन कराती है !
                                               इस लीला के बीच आसुरी प्रवित्तयो ने खूब तमाशा किया ....रामलीला मैदान को लाक्षागृह बनाने की कोशिश हो ....हिंद महासागर में हमें घेरने की कवायद हो ...पूर्वोत्तर की नाकेबंदी हो ....महगाई डायनडांस हो ...जेल में चाय पिलाने और हाथ तोड़ने का पराक्रम हो ...लादेन जी के महिमामंडन और सनातनियों  के भंजन का  उवाच हो ...या तेल के दामो से भक्तो के तेल निकालने तरकीब हो ...चौमासे में खूब तांडव हुआ !!!...देव उठ गए है ...कुमारी-कुमारों..के अरमान मचले है ..बरातियों की अच्कनो पर इस्त्री घूमने लगी है..इस बीच .. क्या असुरों को प्रभु सुर देंगे वरना बाराती गायेंगे हमको भी गम ने मारा तुमको भी गम ने मारा इस गम को मार डालो ...!!!

Friday, November 4, 2011

Billya: फिक्सिंग-फिक्सिंग

Billya: फिक्सिंग-फिक्सिंग: भारत -पाक के रहन-सहन ,बोली में अचानक अफरीदी जी को साम्यता दिखती है और वो फरमाते है की गोरो को सजा हो तो जाने ...अकेले कालो पर नजर क्यों ?...

फिक्सिंग-फिक्सिंग

भारत -पाक  के रहन-सहन ,बोली  में अचानक अफरीदी जी को साम्यता दिखती है और  वो फरमाते है की गोरो को सजा हो तो जाने ...अकेले कालो पर नजर क्यों ???...यानि उन्हें यहाँ भी फिक्सिंग  दिखती  है ...अब भईया ..जिन्होंने खेल शुरू किया वो थोड़ी खेल खत्म करेगें...!!!...गोरे हमेशा कालो के विरोध में फिक्सिंग ही तो करते आये है सुरक्षा परिसद की स्थाई सदस्यता हो ...यूरो का सामंतवाद हो ..देश का बटवारा हो ..हवाईअड्डे पर नंगपने के साथ जाच हो ...मल्टीनेशनल कपनियो का उजाड हो ..गैस कांड के हत्यारों की विदाई हो .....सब जगह फिक्सिंग -ही फिक्सिंग ???
                                                  इन गोरो ने अपने हिन्दुस्थान को इंडिया बनाया ....जानवरों के न खाने लायक मक्के को इंडियन को भेजा ...हाँकी में एस्ट्रो -टर्फ का जाल बिछाया तो कबड्डी को कामनवेल्थ गेम्स  से बाहर करने का दम लगाया ...अपनी नस्ल को हुकूमत चलाने को पठाया ....एटमीटेस्ट  पर वैन किया ...ग्रीनहाउस से तपाया...नाटो से कत्लेआम कराकर हमारे  कश्मीर में मानवाधिकार की रट लगाई....इतनी फिक्सिंग के बाद भी ...आप गोरी नस्ल को सिर पर बिठालेगे ???...क्या गोरी चमड़ी  को सिर पर चढाने लिए ही हमारे लाखों शहीदों ने अपने सिर आजादी के लिए कटाये थे !!!जागो भारत जागो ..गोरो की फिक्सिंग को तोडो ...जागो भारत जागो !!!

Wednesday, November 2, 2011

डर

                     मैं कोई ४-५ साल का था ...रेडियो पर झूट बोले कौ़या बज रहा था ...पूज्य पिता श्री दोपहर निद्रा में थे ....उनकी बनियान के धागे को मैं शरारत से खीचनें की जुगत में था ....अचानक  बापू जी ने करवट ली .. मैं झापड़ के डर से चड्डी गीली करता हुआ वहीँ चित्त  हो गया !!!.  .डर की इसी अलोकिक महिमा से इन दिनों अच्छे-अच्छे  ख़ामो-खा पूरे बदन को  गीला कर -कर गश्त खा रहे है !!!.. गश्त खाए मानुष के ऊपर पानी के छींटे डालने पर वह आंय-बाँय करके उठने की दम भरता है ...  आजकल ऐसी ही डर प्रतापी  फू -फा खूब सुनाई दे रही है ..छपने -छापने- लाइव कवरेज-ट्विट का धन्दा डरने - डराने की थीम पर ही टिका है  !!!
                                                ...       ..  किसको -किसका -कितना डर ...हारने का डर तो जीत छिनने का डर ..टिके रहने का डर तो निपटने का डर ...ये दुनिया बड़ी डरावनी हो गई है ..अब हारर फिल्म को भूतो की जरुरत ही नहीं है ...इक्कसवी सदी के चमत्कार ने इंसान कोभूतो से भी ऊपर उठा दिया है ....गैसकांड की महिमा से तो भूत तक डरे है ..पता नहीं किसका मुआवजा घट जाए  ..???..घबराईये नहीं ये  डर  .ओबामा. -से लेकर मुसर्रफ  तक को पानी पिला रहा है ...!!!चाहे महाभारत हो या पानीपत की लड़ाईयां ..विश्वयुध्ह..इराक -लीबिया का पतन हो ..या हमारे यहाँ के रामलीला मैदान की उठापटक और उसके बाद का गुबार हो सब एक ही मर्ज के मारे है....हमको भी डर ने मारा तुमको भी डर   ने मारा ..इस  डर को मार डालो ..???

Monday, October 31, 2011

कुर्बानी

लडकपन में अपने सागर शहर की अलंकार टाकीज में हाउसफूल के बोर्ड के साथ देखी थी क़ुरबानी ... तब .बोबी..फिल्म के बाल कलाकार की भांति छुप-छुप दर्शन कर क़ुरबानी का आनंद लिया था !!!...अब आप कहेंगे क़ुरबानी और आनंद एक साथ कैसे ???..भईया..आजकल तो बचपन की क़ुरबानी का आनंद बच्चे डी.वि.डी--कम्पूटर-टी.वि..पर समवेद स्वर  में उठाने में टिके है ...और बड़े -बड़े आवाज की क़ुरबानी देकर मौन मग्न है ...!!!!.. आत्मघाती  दस्तों के लडाको को तो जन्नत के झूठे आनंद की फिल्म ही दिखा कर ही क़ुरबानी के नाम पर तैयार किया जाता है !!!
                                                              अकेले आतंकवादी ही नहीं  हमारे स्विश बैंक के पुजारी भी तो  आम आदमी के आनंद की क़ुरबानी देकर ही  हिप -हिप हुर्रे  करते मटक रहे है ...इनके बॉडीगार्ड  दिनरात अपने आनंद का ट्विट संतो की क़ुरबानी में ढूंड रहे है ???...ऐसे ही फार्मूला वन प्रेमियों ने तो  सब कुछ कुर्बान कर अपने आनंद की खूब जय बोली है ...ये बेचारे तो जान की क़ुरबानी की कीमत पर भी आनंद मार्ग पर सरपट भागते है !!!  क़ुरबानी के इन मार्गो के बीच में बकरों कीक़ुरबानी के विकल्प   का मार्ग पाकिस्तान के कुछ युवाओं ने दिखाया है ...पाकिस्तान के नेताओ का भाषण तैयार करने वाले हमारे वाचालों की बोलती यहाँ क्यों बंद है ???

Sunday, October 23, 2011

धन -तेरस

आपको  तिर्कालदर्शी महाप्रतापी चैनलों से पता चल ही गया होगा की आज धन तेरस है ...!!! कुछ ने डराया होगा ...तो कुछ ने धन तेरस पर तेरवी से कैसे बचें इसके उपाय बताये होंगे ...कुछ ने क्या ख़रीदे क्या न ख़रीदे इस पर ओघडी बघार लगाया होगा ...!!!...अब किस ने  क्या किया न किया पर अपने घर में तो रात भर से कुंडली दोष दूर करने के लिए भाग्यवान पंचामृत से  स्नानरत है ...अलबत्ता..बच्चे जरुर  कबाड़ी स्टायल में  पैर पटकते स्कूल भागे है ...और में स्नान पंचामृत   महिमामंडन  की राह तक रहा  हू!!!
                      राह ताकने का सिलसिला दिन भर चलेगा ..दुकानदारअलसुबह से ही ग्राहकों को तकेगे ... चैनल भक्त रात भर किये उपायों के परिणाम के लिए अगले चैनली ज्ञान की राह देखेंगे ...धनिजन धार्मिक स्थलों के अंदर प्रभु को धनभाव से निहारेंगे तो भिक्षु बाहर उनकी खनक को परखेंगे ...|||| ...परखने के लिए नाना प्रकार के  जतन हो रहे है ..कुछ दुकानों के बाहर तो किराये के ज्योतिषी  बिठालकर ग्राहकों की राशि पूछ कर  उन्हें राशि अनुसार  काला-पीला द्रिव्य खरीदने का दिव्य  ज्ञान परोसने का अभिनव प्रयोग किया जा रहा है तो कुछ सामुद्रिकशास्त्र से ग्राहकों को परखेंगे ...!!!..परखा - परखी से दूर  २६/३२ रुपये  की की चक्की में पिस रहा आम आदमी किसी के एजेंडे में नहीं है ...क्या चैनल ..क्या तंत्र -मन्त्र ..क्या बाजार ...सब मस्त है ???..इस मस्ती में उनकीं धन -तेरस को अकेले  आयोग के भरोसे  छोडना क्या हमें सतुरमर्ग नहीं बनाती ....???

Thursday, October 20, 2011

निजीराय

तो हाजिर है निजी राय ...मेहरबान -कद्रदान हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के वासिंदे है ...सो हमें  बाकायदा लायसेंस भी मिला हुआ है !!!...अब आप चाहे ..तो खुद को संसद से ऊपर भी पुकार सकते है ...आपका दाया हाथ झुका रहे और बांया हाथ थप्पड़ रसीद कर दे तो भी आपको बांये हाथ के कुकृत्य से खुद को अलग करने की निजी राय रूपी कुटिलता उपलब्ध है ???...अब मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्री राम चंद्र जी के बहाने भाई लोगो ने निजी राय की दुकान फिर तेज कर दी है और मित्रों ये दुकानदार उसी केम्प से निकले है जो स्टालिनवर्णन  की फिल्म को कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में वैन करते थे ...जो एन .सि.आर.टी.की किताबो में वीर शिवाजी ..महाराणा प्रताप ,सिख गुरु...के प्रति अपमानजनक संबोधनो .. देवी -देवताओ की अमर्यादित पेंटिंग में निजी राय की आड़ लेते है और उनकी इस निजी राय की घिग्घी बुकर विजेता  या पडोसी देश के उपन्यासकारों के फतवे के समय   बंध जाती है ????..निजीराय का ए़कशटर कश्मीर के बहाने खुला हुआ है ...तो दूसरा कसाब -अफजल की खुसामदी में चालू है ..???..और हां ए़क निजी राय की उचित मूल्य की दुकान हत्यारेनक्सलीयों के लिए बकायदा चालू है ...हमारे जवान शहीद हो तो अफ़सोस में भी कंजूसी ..पर हत्यारे आतंकी नेता की मातमपुर्सी में  विधवा -विलाप भी फीका करते है भाई लोग ...???..इनकी निजी राय को बस्तर के गंगालूर से लेकर पीडिया -चेरपाल -उसूर -नारायणपुर -मद्देड में बरसो से पसरा आतंकी उजाड दिखाई नहीं देता ...क्योकि यदि वे उसे देखेंगे तो उनको आयोगों के पद, विदेशी एजेन्सियोके मद से लेकर छपास तक से वंचित रहना पड़ेगा ...!!!..वैसे रूसो की निजी राय ये थी आदमी स्वभाव से जानवर है ...पर यह आदमता हमारे राष्ट्र विरोधी निजी राय वीरो में ज्यादा दिख रही है ..ये दीगर बात है की इस निजी राय कम्पनी से पाकिस्तानी प्रवक्ताओं को अपने  बयान नहीं लिखने पड़ते ...???चलो निजी राय से किसी को तो फायदा है !!!!

Wednesday, October 19, 2011

तपस्या -भंजन

तात   आजकल तपस्या भंग की बड़ी चर्चा है !!! बेचारे  बाबाजी म.प्र. सरकार के सामने  अपने  तपोबल के हरण का दुखड़ा रो रहे हैं|तपोबल के  हरण का एक मामला अखबारों में अफ़्रीकी देशोंमें चर्चा में है ...जहाँ तीन मुस्टंडो का हरण  १७ वीरांगनाओं ने सिर्फ तंत्र -मंत्र सिद्दि के नाम पर कर डाला!!!.... इनप्रसंगोंमें  भले हीमहिला तप की महिमा प्रकट हुई हो  पर अपने बाबा का तप तो नारी वस्त्रोंसे बच पाया था !!
       वैसे  सब जगह           तपस्या भंग समस्या  बनी हुई है ...कोर्ट के फेसले से रथ यात्रा की तपस्या तंग हुई ...चप्पल ने भी रंग में भंग कर डाला...विलायतियो
ने धुन कर जीत की धुन तोड़ दी...अब वे भी भंग हो रहे है ..बड़बोलो ने महानायक को मौन पर लाकर लयबिगाड़ दी ...खेल विधेयक से  संघों  के अरमान बिखर रहे है ..हां ..  किरकिटिया संघ  तप भंग से भी मजे में है ???...तपस्या भंजनके नफे -नुकसानभी दिख रहे है |मौन पर जाते ही टीम क्षरण शुरू हो गया . कर्णाटक से दिल्ली को दम मिल गई ...भारत में हमारे लड़के फिर शेर हो गए ...रथ के पीछे गुबारबड  गया ...!!!!. लख-टकिया  सवाल सीधा सा है तपस्या किसकेलिए और क्यों .??....तपस्या -समस्या  क्यों ???...जाहिर सी बात है ..अपने-अपने एजेंडे है ..फिर  तपस्या शब्द की आड़ क्यों ...???

Saturday, October 15, 2011

कश्मीर-कश्मीर खेले

यह सप्ताहांत बड़ा ही रोमांचक रहा ...अंग्रेजों को पदाने की कसक भी पूरी कर ली गई  ....हिसार की हसरते भी पूरी होने को है ...हाथ धुलाई कार्यक्रम भी सबने बड़े चाव से देखा ...!!!..इस धुलाई से तबियत भी हरी हुई और जख्म भी ...???  तबियत की चिंता तो कानून करेगा लेकिन जख्मो की चिंता किसे है ...? क्या  कल्हण ने राजतरंगिणी लिखते  समय इसकी कल्पना की  होगी,क्या कारगिल के शहीदों ने गोली खाते समय ये सोचा होगा ,क्या कश्मीरीपंडितो  ने घाटी छोड़ते समय इस दिन की कल्पना की होगी ...और तो और क्या किसी पाकिस्तानी ने हमारी आजादी के बाद हमारे ही देशवासी के मुखारविंद से ऐसे उदगार की कल्पना की होगी ...???
                             कल ही एक चैनल पर ज्ञान बघारा जा रहा था की जख्मो की चर्चा न करके हम सिर्फ हाथ धुलाई की चर्चा ही    करे ...तो भई नक्सली खून से धुलाई करते आ रहे है ...दादा लोग जगह -जगह हाथ धुलाईऔर सफाई करते आ रहे है ...तब क्यों नहीं भाई लोग कल्पे ... चर्चा ही नहीं धुलाई करने वालो का पूरा  क़ानूनी इंतजाम होना चाहिए और कानून इंतजाम करेगा भी ...पर जख्मो की चिंता हमने नहीं की तो कश्मीर के पाकिस्तानी एजेंडे को ही बल मिलेगा !!! कश्मीर अकेला कश्मीर ही नहीं वरन हमारे देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सरहद भी है ..!!! कश्मीर से फौज हटाने के बाद जो पाकिस्तानी  परस्त आतंकवादी घाटी में तांडव कर रहे है वे फिर मैदान में उतर आयेगें...और फिर आप कहेंगे मैदान से भी फौज हटा लो और जहाँ से आपकी दुकानदारी चल रही है वहाँ भी जनमत करा लिया जाये ???...इन लालबुझक्कड़ लाल को न कश्मीरी पंडितो के घावों की फिक्र है ना फौज के बलिदान की और ना ही उस संस्कृति की जिसके चलते आज भी आम कश्मीरी अपने हिन्दुस्तानी पूर्वजो की याद में भट्ट को बट,वेद को बेग कहता-लिखता है और कोई आतंकवादी हमारी इस पहचान को नहीं मिटा पाया ???..अफ़सोस विभीषण के पूर्वज अभी भी कश्मीर -कश्मीर खेल रहे है ...और हम देख रहे हैं..????

Monday, October 10, 2011

रावण-दहन

मित्रों ,बीते सप्ताह अपने यहाँ रावण दहन की धूम रही | इधर रावण का पुतला फूँका..उधर रा. वन का इन्तजार...रावण फिल्म  से यहाँ ससुर साब भले दुखी हुए हो ..पर मणिरत्नम जी को दक्षिण में निराशा नहीं लगी...लेकिन रावण -दहन के बाद भी आज उत्तरी श्री लंका में निराशा व्याप्त है ???  आज दशहरा की सनातन परम्परा पर हमारे तमिल श्री लंका में कैसे है ...कितनो को इसकी फिक्र है ??? कहाँ गए वे लोग ..जो .. सनातनियो की दुहाई देकर अरसे से चमक रहे है ...!!!माना कि लिट्टे  ने उपद्रव किया पर क्या उससे  श्रीलंकाई तमिलों  का उत्पीड़न चलता रहेगा ....!!!इनके उत्पीडन को लेकर सदन में चिंता भी हुई पर ये जनसामान्य की   चिंता का विषय कब बनेगा ...हम पुतले ही फूंकते रहेंगे ..और रावण की लंका में मानवता राख होती रहेगी !!! मानव अधिकार संगठन से लेकर लिपस्टिक के कलर तक की जुगाली करने वाली चैनली दुनिया कब तक शतुरमुर्ग बनी रहेगी ...?क्या दशहरा की गूंज में रावण की   लंका  के तमिलों की कराह दब जायेगी ????..रावण -दहन का मतलब घोडे बेच कर सोना तो नहीं है ....!!!

Wednesday, October 5, 2011

Billya: अब्सेंट-अब्सेंट खेले

Billya: अब्सेंट-अब्सेंट खेले: नमस्ते-नमस्ते,...नमस्ते जी ....आप सोच रहे होंगे ..आज बार-बार ये तकलुफ्फ़ क्यों ...??? जरा याद करिये घर की काम वाली बहिन जी को ....थोडा जोर ल...

अब्सेंट-अब्सेंट खेले

नमस्ते-नमस्ते,...नमस्ते जी ....आप सोच रहे होंगे ..आज बार-बार ये तकलुफ्फ़ क्यों ...???  जरा याद करिये घर की काम वाली बहिन जी को ....थोडा जोर लगाईये ...अपने ऑफिस वाले बड़े बाबू की स्टायल का पुण्य स्मरण करे ...!!!! नहीं समझे ..तो फिर अपने लडकपन...के मास्टर साब को चिढाने की अदा  को याद करे ....|... ज्ञानियों.....बिन मंजूरी अब्सेंट की झेप मिटाने की ये अचूक दवा इस स्टायल में व्याप्त है ...!!!!  वैसे तो ये  दण्डनीय   अपराध है ...पर अगर दंड से मर्ज ठीक होता ..तो ..भईया क्या नए -नए बहाने  इजाद होते ...क्या दफ्तर-दफ्तर - हम भटकते ???
                                                 आप शायद ... गलत दिशा में जा रहे है ...ये कोई अकेला  सरकारी रोग नहीं है .....!!!  वर्ना  भला आदमी ..पूरे कुनबे की बैठक से अब्सेंट रहकर गुरु का गुड गोबर क्यों करता ........ मेडम भी बच्चों को लड़ने के लिए  छोडकर क्यों छु-मंतर हो जाती .... भाई लोग इन्गिलिस्तान में रातो-रात बीमारी के नाम पर  किरकिटिया दल को दल-दल में  कैसे छोड़ते...???...सुधिआत्माओ ...सब अपनी -अपनी  सुबिधाओ का  खेल है और ..इसी खेल के चलते मैं कल दुर्गा-अष्टमी को अब्सेंट  यानि गैरहाजिर .रहकर ..आज  जीहाजिर की टेर लगा रहा हूँ ...!!!इस  बंदे की हाजिरी लगा भी देंगे पर इस खेल का क्या करेंगे ....????

Sunday, October 2, 2011

Billya: रन र आउट

Billya: रन र आउट: आज कल आउट होने की बड़ी चर्चा है...वो भी बेचारे रनर की ...आई.सी.सी. ने पहला ऐसा काम किया है कि मानव अधिकार संघटनो को उसकी सार्वजानिक स्तुति क...

Billya: रन र आउट

Billya: रन र आउट: आज कल आउट होने की बड़ी चर्चा है...वो भी बेचारे रनर की ...आई.सी.सी. ने पहला ऐसा काम किया है कि मानव अधिकार संघटनो को उसकी सार्वजानिक स्तुति क...

Billya: रन र आउट

Billya: रन र आउट: आज कल आउट होने की बड़ी चर्चा है...वो भी बेचारे रनर की ...आई.सी.सी. ने पहला ऐसा काम किया है कि मानव अधिकार संघटनो को उसकी सार्वजानिक स्तुति क...

रन र आउट

आज कल आउट होने की बड़ी चर्चा है...वो भी बेचारे  रनर की ...आई.सी.सी. ने पहला ऐसा काम किया है कि मानव अधिकार संघटनो को उसकी सार्वजानिक स्तुति करनी चाहिए !!! आखिर एक बंधुआगिरी तो खत्म हुई !मालिक ताबड़तोड़  कुटाई  करता रहे -तालियां बटोरता रहे और बेचारा रनर हाफता हुआ दौड़ में चूक जाए तो गालियाँ खाए ...राम-राम कैसा जुलम होता रहा बेचारे पर ...करे कोई-भरे-  कोई ???   रनर के साथ ही  गोरो द्वारा कालो को पदाने के एक बहाने का भी अंत हो गया ....!!!अब अपने मालिक घबराये  है कि कही उनके रनर भी मुक्तिमोर्चा न बना ले .....! वैसे भी तिहाडी  चीख रहे है ...हम तो रनर है हमें बख्शो ...!!! ..पर भिया अपने यहाँ किस -किस रनर का निपटान करेंगे ???जन्म से मरण तक अपने पीछे मालिकों के रनर दोड़ते रहते है ...जहा जाईये रनर की पुकार पाइएगा...क्या कराना है ..रेट लिस्ट हाजिर है !!!  यहाँ  चालू टाईप के कारिंदे जुगाली करते हुए कहेगे ...ये सब देश को कमजोर करने की साजिश है ...हमारे यहाँ कोई रनर -विनर नहीं है ....!सच्ची कोई रनर विनर नहीं होता !!!....पर रनर आउट हो तो ...विनर की घिग्घी  अपने आप बंध जायेगी ......!!! सो अन्नागिरी से लेकर नक्सली दादा लोग तक रनर के पीछे पड़े है पर अपुन के देश में  रनर गाथा चालू आहे ????

Saturday, October 1, 2011

Billya: वेटिंग महिमा

Billya: वेटिंग महिमा: साथियों,कृपया आप इन्तजार कीजिये आप किऊ में हैं....!!!मायावी -कंपनियों के इंद्रजाल से हम सब को बतियाने के पहले इस नसीहत से दो-चार होना पड़ता ह...

वेटिंग महिमा

साथियों,कृपया आप इन्तजार कीजिये आप किऊ में हैं....!!!मायावी -कंपनियों के इंद्रजाल से हम सब को बतियाने के पहले इस नसीहत से दो-चार होना पड़ता है??? ऐसा ही पुण्य काल भारतीय रेल के सफर में हम भोगते है ...!!!मित्रों ..याद करो वो गुजरा जमाना..जब फून के फॉर्म भरने की लाइन से हम विजयी मुद्रा में निकलते थे ..गैस कनेक्शन हमारे  पुरषार्थ का पैमाना होता था ...तब इनकी वेटिंग में नाम आने भर से बन्दों की चाल बदल जाती थी !..जमाना गुजर गया पर वेटिंग महिमा जारी है ..साहिब लोग अपने मातहतो  के सामने तरक्की की वेटिंग में होने का दाव खेलकर झेप मिटाते रहते है,वेलेंटाइन डे पर प्रिये को इन्क्रीमेंट की वेटिंग किलियर  होने पर खूबसूरत तोहफे का सपना दिखाना बड़ा ही रोमांचक रहता है ...|..हमारे स्वम्भूओ चैनलों की टी.आर.पी .तो वेटिंग की दम पर ही फल- फूल रही है ...बने रहिये ..दुनिया नष्ट होने वाली है ..सबसे पहले हमारे चैनल पर ...कार  में रैप कैसे ..वशीकरण कैसे ... माम आज हँसी क्यों ...हीरो-हीरोइन को पसीना क्यों आया ...बस देखिये थोड़ी देर में... कही जाईयेगा मत ...!!!.  लगे रहो मुन्ना भाई ..      .वेटिंग महात्म.. के चलते तुम्हे जल्द ही लाल- पीली  बत्ती मिलेगी ...सो मुन्ना लोग रेलियो-सभाओ में भीड़ - भाड़ की तल्लीनता में मग्न  रहते है ... इनकी दुकानों का .क्या होता अगर वेटिंग महिमा न होती ????अब यह दीगर बात है की वेटिंग के चक्कर में गुरु-चेला एक -दूजे को निपटाने में लगे है .....!!!!   कौन निपटता है ...देखते रहिये ...बने रहिये ...वेटिंग महिमा चैनल ..सबसे अलग ..विल्कुल निष्कपट ...!!!

Friday, September 30, 2011

नवरात्री दर्शन -बुंदेलखंड का सागर जिला

श्रद्धालुओं,बुंदेलखंड क्षेत्र में माँ के अनेक सिद्ध स्थान हैं...|श्रद्धालु ना केवल नवरात्रि में बल्कि सनातन काल से यहाँ दर्शनलाभ कर कृताथ होते आये हैं|..आईये माँ के इन दरबारों का पुण्य  स्मरण  सागर जिले की खुरई तहसील में सुम्रेडी रेल स्टेशन से ३ कि.मी . तथा सागर -खुरई रोड के सिलोधा ग्राम से २ कि.मी . दूरी पर चांदपुर गाँव में विराजी माँ बीजासेनदेवी जी से करते हैं|यहाँ  गाँव से लगे मंदिर में दर्शन मात्र से श्रद्धालु धन्य हो जाते हैं.. भोपालगैस कांड के शहीद  शोर्य चक्र से सम्मानित स्व.तिलक तिवारीजीके माता-पिता ,सम्पूर्णानन्दसंस्कृत वि.वि.के शोध वि.के पूर्व निदेशक वर्ल्ड हू इज हू में १९६५ से शामिल डॉ.वागीश जी ,आई.आई.टी.गोहाटी के पंडित कार्तिकेय जी ,    राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के श्री कौशलतिवारी तथा मेरे सहित हजारों श्रद्धालु माँ के चरणों की रज से जीवन सफल बना रहे है |माँ के दरबार के पूर्व में १५-२० कि. .मी.दूरी पर जरुआखेडा रेलवेस्टेशन से लगभग १० कि.मी. कि दूरी पर भाई रघु ठाकुर जी के जलंधर गांव के पास माँ ज्वालादेवी का अति प्राचीन भब्य  मंदिर हजारों -लाखो  भक्तो की मनोकामनाओं को पूरा कर रहा है |....सागर  जिला मुख्यालय से रहली मार्ग से या देवरी मार्ग  से १५-२० की.मी.दुरी पर रानगिर की माँ हरसिद्धि माई का दिव्य मंदिर बना हुआ है !!!केबनेटमंत्री गोपाल भार्गवजी से लेकर  बालीवुड के भाई मुकेश तिवारी जी ,वरिष्ठ पत्रकार दीपकतिवारी , यू.पि.एस.सी.के गंगेश पाण्डेय सहित  लाखो भक्तो की अनन्य श्रद्धा यहाँपर दर्शित होती है !!!सागर जिले में ऐसे अन्य सिद्ध स्थानों के साथ-साथ जिले भर मेंविशेषकर सागर शहरमें लगने वाली माँ की अद्भुत झाकियोंकीछटा भी याद आ रही है ....भाई  मनोज शुक्ल जी अपने केमरे से हम सबको इनके दर्शन करा दे तो बड़ा पुण्य होगा ...क्यों मनोज जी ????

Thursday, September 29, 2011

नोट-नोट

करीब  इमरजेंसीके दोर की बात है ... मेंछतरपुर जिले की गुल्गंज प्राथिमिक शाला में ऊधम करता था !इसी धमाचौकड़ी में बस्ते के साथ घर जाने की बजाय ...मित्र अजय अगरवाल के यहाँ दुबक जाया करता था |पूज्य पिता श्री  जब डंडे के साथ प्रकट होते तो में नोट-नोट खेल में मशगुल मिलता ..!...ये दिनचर्या का हिस्साबन चुका था ...पापा आते कान पकड़कर घसीटते ...पर मै पक्का खिलाडी ..सो व्यापार नाम के खेल में जुटा रहता |बीते कई सालो से नोट-नोट के खेल की जगह बच्चे  लूटपाट के विडियोगेम में ही गेम कर रहे है ....|..पर  भला हो हमारे बुजुर्गो का जिन्होंने नोट-नोट की प्राचीनता को फि  र मुखर किया है !!!
                                  इन बुजुर्गो ने इस खेल में असल नोट के इस्तेमाल से व्यापार को  २०-२० जैसा रोमांचकारीबना दिया है !इस उतार-चडाव में रोंटियाई की पूरी गुंजाईश है ...में  जब हारकर रोकर घर मम्मी के चरणों में  पहुचता तो कहता ...माम ये मेरा नोट नहीं है ...और वत्सला मुझे आँचल में लेकर चीटिंग करने वालो को प्यारकी झप्पी देती ..तो में उनकी खडाऊ लेकर जैकारे करते फूला न समाता था ....!!!...किरकेट  हो तो पिच का रोना ,आतंक हो तो पाक का रोना ,चुनाव हो तो धन-बल का रोना ,रोजगार हो तो रिश्वत का रोना .........और फसने पर अफसरों का रोना .. रोंटियाई के ताजे अवतरण है !!!अब मम्मी बिचारी सीधी -सादी सो टंटे  के नोट को कूडेदान के हवाले कर सबको दुलारने लगती है ....!!!  नवरात्री में चारो ओर          समवेत हुंकार है... जय माता दी ..आप जय मामकहने के लिए फ्री है ..!!!जय हो !!!

Wednesday, September 28, 2011

ज्यादा वजन के खतरे

देवियों और सज्जनों बीते दिन म.प्र.के सागर -भोपाल रोड पर एक पुलिया १०८ पहियों वाले ४००टन वजनी ट्राले के नीचे आकर शहीद हो गयी ....और अपने साथ ट्राले को भी ले डूबी ...दो जिन्दिगिया डूबी सो अलग ....!!!.अब ज्यादा वजन के ट्राले से भले ही पुलिया वीरगति को प्राप्त हो गई हो ..पर बाबा टाइप ज्योतिषी ज्यादा वजन्कारक             अलोकिक                           -                      - अदृश्य महिमा  के भार से व्यवस्था की अधोगति की चिंता में दुबले हुये जा रहे है ? ..ऐसे ही राजधानी देल्ही में ज्यादा वजन से तीन मंजिला ईमारत ने जमीं चूमी वो अलग....!  ज्यादा वजन के पुण्य प्रताप की दन्त कथायें पुरातनकाल से प्रासंगिक रही हैयह दीगर है कि राजधानी की वजन्कारक आफतो को चे़नल ज्यादा भाव देते है ?
                                                    इस प्रसंग में वजनदारो की  भीमकाय आत्ममुग्ध काया से जलने वालो की लिस्ट अपने आप बढती रहती है ...|इन दिलजलो से परेशान बेचारे कुछ तो आत्म्काया हिंसा पर उतारू होकर डाइटिंग-फाइटिंग करने लगते है जबकि कुछ और वजन बढ़ा -बढ़ा कर ....दिलजलो को  फूँकते रहतेहै.....! इस फूँका-फांकी के बीच अब ज्ञानियों ने उवाच किया हैकि..ज्यादा बजनदार उर्फ मालदारों को कृशकायोंकि तुलना में अपना वजन घटाने के लिए तैयार रहना चाहिए !!!..वैसे भी अपने मुल्क में हर चीज का कानून बनाने का चलन है ..सो इसकी भी  तैयारीहो सकती है |कम से कम नक्सली किसी कानून का तो सम्मान करेंगे

नवरात्रि

देवी उपासना के गौरवशाली पर्व की पूजा आज से देश भर में आरम्भ हो गयी है |नारी को देवी स्वरुप पूजन की महान परम्परा यह दर्शाती है की हमारे पूर्वज नारी सशक्तिकरण के प्रति कितने  उदात्त रहे  हैं!!!...क्या .आज वह  उदारता व्यहारिक रूप में हम पा रहे हैं?...घरेलू हिंसाविरोधी कानून ,दहेज विरोधी अधिनियम ,सती निरोधक प्रावधान ,कार्य स्थल पर योनदुर्व्यवहारविरोधी कानून ....जैसे अन्य नारी हिंसा पर रोक सुनिश्चित करने वाले विधिक प्रावधान हमारी व्यस्था में व्याप्त लेंगिक भेदभाव की चुगली कर रहे है ?आखिर हम कबतक नारी उत्पीड़नको सिर्फ क़ानूनी मसला मानेंगे?क्या ऐसा कर हम अपनी जिम्मेदारीपूरी कर पा रहे है ...?चाहे ..कविता हो याभँवरी....ये तो अन्याय की भँवरमें उछले कुछ नाम भर है ..कितने नामपाप  धारा में समां गए ...किसे पता है !!!
       आज        नवरात्रि पर्व पर न केवल इसे पता करने बल्कि इस भेदभाव को सामाजिक क्रांति के माध्यम से दूर करने के संकल्प की नितांत आवश्यकताहै...तभी बेटी बचाओ अभियान सफल होगा ...वर्ना देवी माँ को अगला अवतार हम पुरुषोंको सबक सिखाने के लिए लेना पड़ेगा और तब सिर्फ प्रलय दिखेगा.. महाप्रलय.....!!!...माँ हमें सद्बुद्धि -सदमार्गदें !!!

Tuesday, September 27, 2011

पित्र -मोक्ष अमावश्या --पुष्पांजलि

आपके जेहन में पित्र मोक्ष श्राद्ध पर अपनों की पुष्पांजलि के नाम पर किनके नाम आयेंगे ...?दादा-परदादा ..और भी पीढ़ीगत परमपूजनीय पुण्य स्मरण ....इसलिए ही आज के श्राद्ध में जाने- अनजाने -भूले -बिसरे दिवंगत  अपनों के...तर्पण का विधान है !!!अब आप अपने किसे मानते है ?जो विरदावली में वर्णित है या वे जो भारत माँ की संतान है ...???अपनों के नाम तो घर में या पंडो के यहाँ अमूनन मिल जाते है ...पर कहा गए वो लोग की खोज इतनी आसान नहीं रहती ?
                                   तो क्या हम उन्ही का श्राद्ध करेंगे ..जिन्हें हम आसानी से जानते है !या जाने -अनजाने में गुजर गए    देशवासियों के तर्पण की भी शुध लेंगे....?क्या हमें पता है -हजारोंलोग  तड़प-तड़प कर  अपनी जान उन दवाओंकी टेस्टिंग में दे देते है जिनके कारन आज दुनिया तंदुरुस्त है ...इन दधिचियो को आप तर्पण नहीं देंगे ?..यदि नहीं तो आप तो उस सिस्टम से भी बुरे है जो इन शहीदों को मुआवजेलायक भी नहीं मानता ...!!!ऐसे ही बड़े-बड़े बांधो के बहाव के लिए अपने सपनो को आंसुओं में बहा कर तिल -तिल कर जान देने वाले देवदूतो के तर्पण के लिए भी क्या आपके हाथ नहीं उठेंगे ?
                    आतंक वाद से हमारी रक्षा करते-करते शहीद हुए वीरो को भूलेंगे क्या? नक्सली अराजकता से देश को बचाने में वीरगति को प्राप्त जवानो का पुण्य स्मरण नहीं करेंगे ?महगाई डायनके ग्रास बने अपनों को बिसरा देंगे ?  आत्मघाती मजबूर किसानो की आत्मा को तृप्त नहीं करेंगे ?सरहद पर -कारगिल में अपनी हड्डिया तक गलाने वाले कर्णधारो की आत्मा का ख्याल है हमें ?
                  मित्रों जो अपनों का ख्याल नहीं करते दूसरे उनका भी ख्याल नहीं करते !!!पित्र मोक्ष श्राद्ध पर अगर हम इन अपनों को पुष्पांजलि भी नहीं देंगे तो शायद हमें कोई कंधा भी न दे ....????

Monday, September 26, 2011

श्राद्ध पक्ष का संकल्प

हे प्रभु,श्राद्धपक्ष पूर्णता पर है ...न जाने पित्र क्या सोच रहे होंगे ???पता नहीं तृप्ति हुई या नहीं ...???मन में बड़ी व्याकुलता है ...!!!बेचेनी,व्यग्रता ...सारे पर्यायवाची जी में धुकधुकी किये है ....|अब यदि श्राद्ध पर्व में निंदा रसपान छोडाहोता ,सोमपान त्यागा होता ,इर्षाकी ज्वाला बुझाई होती ,बिन्दाश चेनल ऑफ किये होते ,मोर्निंग वाक में धर्मानि को ले गया होता ,दान के साथ धन पिपासा भी दान की होती ,नौकरी की उखाड- पछाड का चूल्हा न जलाया होता ....तो मनवा ऐसा बुझा-बुझा ना रहता |...अब आप ही बताओ स्वामी ..क्या करे???घर में वैसे भी अकेला हू ...बेटा -बहु पूना गए कमाने ...हम पड़े कर्मो के फल चुकाने !!!काश ..बेटी होती तो ससुराल से रोज माँ की खांसी का हाल तो पूछती ...बहु तो ये पता करतीहै की पडोसी ने मकान का किराया खाते में डाला या नहीं !!!...पर इस दुर्दशा की सास  भी कम दोषी नहीं है ...हनीमून के बाद से ही गुनियो के चक्कर काटतीथी ...बस लड़का आ जाए ..तो पुरखो को पानी मिलता रहेगा ....!!!धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का ...लड़का होकर भी पितरो को धूर्तता से तृप्त नहीं कर पाया ...और खुद का लड़का माँ -बाप को पूना से ही पानी दे रहा है ...!!!परम पिता अब क्या करू ...???...तात्.. पित्र पक्ष में रोओं नहीं ...उठो और संकल्प करो की पितरो को पानी के नाम पर अजन्मी बेटियों को नहीं मारोगे..वरन बेटियो को बचा कर बढ़ा कर ...पितरो को तृप्त करोगे !!! हमारी संस्कृति में पितरो को सदैव बेटियां ही प्यारी रही है इसलिए पितर पक्ष के बाद नवरात्री पूजन हमारे पूर्वज करते आये है !!!जय लाडली -जय बेटी !!!

Sunday, September 25, 2011

प्रदोष पर कितने निर्दोष

आज हम बेदम है ...पर इसमें भी दमहै

                     सदमे में कदम है-पर सांसो में दम है |
                                        
 किस -किस को दे हम दोष -कौन है निर्दोष
 
                   आज फिर आई प्रदोष -पर हम है फिर खामोश |

तिथियो का चक्र न रुका है न रुकेगा -पर खामोश न बड़ा  है न बढ़ेगा
                            इस खामोशी में मौत का आगोश-प्रदोषपर हम कितने निर्दोष  !!!!

अन्त्योदय

हम सब भारतीयों का उदय भारत के सर्वोदय में समाहित है ...अब आप ये मत कहिये की ..टीवी -अखबार में तो भारत उदय के नाम पर काफी चमक -दमक बरसो से हो रही है ,आप कौन सा नया राग अलाप रहे है !!!..आप सहीराम हो सकते है लेकिन पूर्णविराम नहीं ...क्या देश ऐ .पी. एल-बी .पी . एल ...बीमारू -अगडे -पिछड़े  सूखा-बाड़...दलित -महादलित ..से लेकर आतंकबाद .नक्सलवाद ..क्षेत्र वाद ..महगाई ....जैसे मुद्दों के बीच आगे नहीं  बड     रहा है ???बेशक ,लेकिन इन सबके बीच अभी भी अंतिम पक्तिका अंतिम भारतीय अपने उदय की राह ताक  रहा है ...???हमारे इन भाई -बंधुओ -नारियों  की जब यह राह  पूरी होगी ..तभी होगा अन्त्योदय ..!!!आज पितर  पक्ष में दीनो के दयालु के प्रति यही सच्चा तर्पण होगा ..!!!बेटी बचाओ अभियान से लेकर ...लोकसेवा प्रदाय गारंटी ..तभी सफल होगा जब  अंतिम पांतके अंतिम हाथोंमें आपकाहाथ होगा ...देंगे अपना हाथ ..???

Saturday, September 24, 2011

सन्यासी श्राद्ध

मित्रों आज  सन्यासी श्राद्ध है !!यानी , आज पितर सन्यासियों को श्राद्ध करने से तृप्त होते है ....सो मैंने सुबह से सन्यासियों की खोज में चारों दिशाओं में दूत दोड़ा दिए और घर में श्राद्ध भोज पकवाना शुरू कर दिया था ....!!!..ब्रम्हबेला से सुबह फिर दोपहर और अब शाम हो गई ..  में तो ऑफिस चला आया ...अभी अभी धर्म पत्नी की चीख फोन पर आई ...सुनो पाखंडी .. अब तक कोई दूत सन्यासी लेकर नहीं लोटा..इस श्राद्ध भोज का क्या करू ???दूतों को पता किया तोआकाशवाणी हुई ..है तात..क्यों गरीब अनुचरो को हैरान कर रहे हो ..इस मिर्तुलोक में जब सन्यासी बचे हो तब तो तुम्हारे यहाँ ये बेचारे लायेंगे ..!!!मेने कहा प्रभु ,घर छोडू नेता बुला लू चलेगा,टीम इण्डिया के वैरागियो को बुला लू चलेगा ,अफगान से नाटो के रणछोड़लडाको को बुला लू चलेगा ,रामलीला मैदान के दिलजलो को बुला लू तो चलेगा ,महगाई से सूखे जंतु चलेगे ,नक्सली सितम के  गवाह ला दू ,....अरे कुछ तो बोल जिससे धरमानी के बेलन से बच सकू......सुनो वत्स ..तिहाड़ के मेहमानों को खिला दो ..उनके पितर रूठ चुके है .....!!!!

Thursday, September 22, 2011

दिन-रात बराबर ,,,, एकादशी तिथि

    आज आप लोग मेरे ऊपर जरुर  उखड रहे होंगे की ...जब आम आदमी को महंगाई दिन  में तारे दिखा  कर  दिन -रात        बराबर किये है     , अंग्रेजो की  मारी  किरकिटिया टीम  के  भी दिन रात बरोबर है ,  यह दीगर है की  अंग्रेजो और  अमेरिकियों को अफगानिस्तान में दिन-रात बराबर हो रहे है ...आप यह भी चुगली कर सकते है की अन्ना -बाबा टाइप के लोग कई महापुरुषों के दिन -रात बराबर किये है ....कश्मीरी पंडितो के दिन -रात दशको से बराबर चल रहे है ...तिहाड़ के दिन -रात की बराबरी सबको पता है ... ताजा-ताजा इस बराबरी के शिकार २६ रूपये दिहाड़ी के सम्पन्न लोग हुए है  !!!...वियतनाम में फिर  चीनियों को .. दिन रात बराबर लग रहे है  ...पोस्टिंग की    चाह  में  खद्दर धारियों के दिन और रात पित्र -....पक्ष में वेसे ही बराबर कटते है ...!!!..नक्सलियों के  आतंकवाद से देश  के  एक बड़े तबके के रात  -दिन बराबरी से ही कट रहे है ...  आत्महत्या करते किशानो के परिवार में क्या दिन और क्या रात ...??? आप कह सकते है की ..   .बंगलादेशी घुश्पेथियो ने लाखो भारतीयों के दिन-रात बराबर कर दिए है ...बेटियों के हाथ पीले करने के चक्कर में करोडो माताओ के  रात  -दिन एक है ...करोडो बेरोजगार रोजगार की तलाश में दिन -रात एक किये  है ...और मुझे  लिखने की पड़ी है ...???? भेया मेरे आप मुझे क्षमा करे  में तो ...आज २३ सितम्बर के खगोलीय दिन -रात की बराबरी की बात कर रहा था ..और वेसे भी कुछ लोगो ने समाज सेवा को अपनी बपोती मानते हुए हम नोकरो को इसकी चिंता तक न करने का  अपराधी करार दिया है  ..प्रभु

Wednesday, September 21, 2011

दशमी श्राद्ध -२६ /३२ का रेट .........

......-सुनो  ........सुनो .............सर्कार ने हमारे पित्र पक्ष को बड़ी इज्जत बख्सी है .....???गंगा -सरस्वती तट पर अब कोई गरीब -गुरवा के नाम पर या प्लेटफोर्म पर कोई लंगड़ा -लूला गरीबी के नाम आपको नहीं ठग पायेगा !!!....आपको सिर्फ पंडो की झोली या भगवन के नाम पर मांगने वालो से इतना भर पूछना है ....नन्हे -मुन्ने तेरी मुट्ठी में क्या है ???उसकी मुट्ठी  में २६ या ३२ की रोकड़ मिली और आपकी पौ-बारह ....आप उसे दंडवत कर उसका स्वस्ति वचन करिय..उसे श्राद्ध भोज या दान का अपात्र घोषित करते हुए ...बाकायदा गरीबी मुक्ति का प्रमाद्पत्र  देकर नमस्कार करिय ....!!!    जजमानो के लिए बोर्ड लगाइए ...दशमी श्राद्ध -२६ /३२ का रेट  प्रति दिन से कम वाले जन्तुओ को ही प्रवेश ...!!!!पितरो माफ़ करना ...गरीबी हट रही है ...शांति ॐ शांति ...              

नवमी तिथि



क्या आप जानते है की आज वो तिथि है जिसमे आप जितनी बार नो(९) जोड़ेगे या नो (९) का गुना करेगे तो जो भी संख्या आएगी उसका जोड़ नो (९)ही आएगा ...............शायद इसलिये अंको की दुनिया नो(९) पर ही आकर सिमट जाती है . इस विद्या का सफल प्रयोग हमारे मठाधीश बड़ी खूबी से नटवर शैली मैं कर रहे है ......चाहे अन्ना जी कहे या अदालते जोड़े या बाबा लोग पिटे पर सम्मानीय काला धन श्री नो(९) अंको की भाति अपना दिव्या स्वरुप switzarlend  से लेकर सम्पूर्ण प्रथ्वीलोक मैं प्रकट कर रहे है .....!!! आज हमारे पितर तक श्रीमान काला धनश्री की करतूतों से विलख रहे है ......पर नवमी श्राद्ध पर भी इन कालिख पुते श्री मुखों को तर्पण की फुरसत नहीं है . आप कहेगे झूट सफेद झूट ....आज फला फला ने अपने एक हज़ार जजमानो को ५ स्टार श्राद्ध भोज देकर दक्षिणा मैं उन्हें मालामाल कर दिया परन्तु भैया करोडो देशवासिओं को कंगाल कर करने वालो  का पानी पितर कभी स्वीकारेगे क्या ?  

Monday, September 19, 2011

जिवोत्पुत्रिका व्रत -महालक्ष्मी व्रत -आठवी तिथि

 प्रियवर आज बड़ा ही मंगलमय दिन है ...वैदिक कालीन जिवोत्पुत्रिका जैसा लिंगानुपात समता मूलक व्रत आज  रखा जा रहा है !!! मेकाले टट्टू यह जानकर        हेरान -परेशान   रहते है की  इन अवसरों  पर  उनके  तथाकथित   नारीवादी आंदोलन  की एतह|सिकता  के उन दावो  की पोल  खुलती है ....  जिनका सहारा लेकर वे हम कालो  को पानी पी -पी  कर अपनी दुकान चलाते है !!!दरसल ,बेटी को आगे बढ़ने के अवसरों में भारतीयता के प्राण छुपे  है ...बेटियों की गाथाओ से हम सब परिचित है !!! आज हमारी बेटियों की घटती संख्या  विदेशियों की गुलामी के अवसेशो का परिणाम है .....!!!  यवनों - मुगलों -गोरो की तिकड़ी ने जो बर्बरता हमारी बेटियों के साथ की उससे हमारा वर्तमान तक लहू लुहान है ...!!!इतने अत्याचारों के बाद भी हमारी संस्कृति  बेटियो की जीवन रक्षा के लिए जीवो   त्पुत्रिका व्रत जैसे पुण्य कार्यो से सम्रैध है ....!!इस स्तुतिगान केबीच ....आज सबसे बड़ा सवाल  बेटियों की  रक्षा का है ..जिससे हमारी पीढियों की रक्षा होगी ....... और हमारी पीढ़ी रहेगी तो संस्कृति भी बची रहेगी !!!महालक्ष्मी पर्व की सार्थकता भी बेटियों की रक्षा से ही पूरी होगी ,,,इसी उद्देश्य से म.प्र.में अक्टो. से बेटी बचो आन्दोलन शुरू किया जा रहा  है ...म.प्र. ही को पुरे देश वरन पुरे विश्व में बेटी बचाओ आन्दोलन को समर्थन की जरुरत है !!!आज आठवी तिथि पर यही पितरो को सच्चा तर्पण होगा ..!!!तो आइये बेटी बचाओ आन्दोलन को सफल बनाकर अपना और पितरो का ..मजबूत भारत का सपना साकार करे ....जय बेटी -जय लाडली लक्ष्मी !!!

Sunday, September 18, 2011

सप्तमी तिथि -कहा गए कौये

मित्रो   बरसो पहले बुद्धू  बक्से पर एक प्रोग्राम आता था ...कहा गये    वो लोग ....???  अब हम    पित्र    पक्ष पर    कौए    तलाश रहे है ...और कौए है की नजर ही नहीं आ रहे !!!!पंडित व्याकुल है कही पित्र तो नाराज  नहीं हो गए ....कही श्राप तो नहीं लग  रहा ....!!!..कौये कही एकांत में अकेलेपन से सुबक रहे है   ...अकेले कौए ही क्यों  जटायु -सम्पाती की आत्मा भी अपनों की दुर्दशा से बिलख रही है !!! प्यारे ..हमने रातो रात फल -सब्जी -चारा  -अनाज की बम्पर  पेदावारी के  चक्कर में लोक -परलोक दोनों का सत्यानाश कर  कर लिया है ....ऐसे में पित्र क्या खाक खुश होंगे ???  हम तो जहर की पुडिया लेकर चूहों के पीछे रेस करते रहते है ...गोउ माता से दूध की बाल्टिया भरने के लिए उन्हें इन्जेकसन से छेदते रहते है ...मच्छरो को लेकर खुद के ... गाल पर ही तमाचा  मारते फिरते है !!! कालीदास बनकर  टहनी काटने में जुटे है ....और शंका समाधान के नाम पर जड़ो की जगह पत्तो को सींच  रहे है ...!!!धन्य है प्रभु ...पित्र पक्ष में खुद को कोसने की जगह  निरीह  कौयो को दौड़ा रहे है ...???         सप्तमी तिथि ....आज क्या हम सुधरेंगे ???

Saturday, September 17, 2011

शुभ प्रभात -षष्ठी तिथि

मित्रो  शुभ प्रभात    हमारी आत्मा है !!!मुर्गे की बाग़ , प्रभात फेरी की राम धुन , अजान की पुकार , रेडिओ  की मंगल   ध्वनी ,वन्देमातरमगान से लेकर गो धूलि की उड़ान में ही तो भारतीयता के प्राण है ....!!!आज प्रश्न यह है -सुबह - सबेरे हमारे बच्चो को ये सब क्यों नसीब नहीं होता ...???बच्चो का रोबट की माफिक झट-पट   भन्नाते हुए  उठना ....रोते हुए  तैयार  होना ...    चटपटे गरिस्थ टिफिन ठूस कर बस्ता   लारी में पटक कर माफिया स्टायल में भागना   ...भरी दोपहरी में हाफ्ते -हाफ्ते घर में घुस कर कटे पेड़ की भांति गिर जाना और खाने की प्लेट की जगह टीवी रिमोट पकड़ कर निठल्ला हो जाना ....इस मारा -मारी  में शुभ  प्रभात बचता  ही कहा है ....!!!  दोस्तों ..शुभ प्रभात न  रहे यही तो देशद्रोही चाहते  है ....पर हम क्या चाहते है ...सोचो -जागो  -उठो  और प्रभात फेरी का झंडा  उठाओ .......       षष्ठी तिथि  पर यही सच्चा तर्पण होगा ...!!!

विश्वकर्मा जयंती

मित्रो आज विलम्ब के  लिए क्षमा करना ....!!!  तो आज    विश्वकर्मा जयंती  है.. निर्माता ...विश्व निर्माता ..को कोटि -कोटि नमन !!!चाहे    एतिहासिक निर्माण हो या आज कल- कारखाने हो ...सब प्रभु विश्वकर्मा जी और करोडो मजदुर मित्रो का प्रताप है जिन्हें सनातन परम्परा ने सदियों से पूजा है और इस पूजा को मार्क्स ने  नमन करते हुए  नारे के रूप में तब्दील करके आधुनिक राजनीती  को नई दिशा दी ...!!!..विश्वकर्मा जी यानि निर्माण के इस्ट ...आज हम सब निर्माण का देश के निर्माण का संकल्प ले ..यही उनकी सच्ची पूजा होगी ...!!!  इस निर्माण प्रिकिया में कुछ लोग यदि उपवास -प्रतिउपवास कर रहे है तो उनका भी मान  करते हुए यहाँ यह माना जाना चाहिए की ऐ .के . ४७   के और बम विस्फोटो की विकरालता के बीच पितृ पक्ष में हमारे पूर्वजो  के  उपवास  सिधान्तो की जीतहुई है और टी.आर .की भेडियो कीहार ...!!!जय हिंद -जय भारत !!!वन्देमातरम !!

Thursday, September 15, 2011

संत गणेश प्रसाद जी वरनी जयंती -गणेश चतुर्थी

 देश का बुन्देलखंण्ड    क्षेत्र  म . प्र . और उ. प्र . राज्यों में समान रूप से समाहित है  |बुंदेलखंड की आवो हवा   , पानी , रिश्तेदारिया , भाशा  -बोली ,दिनचर्या    , जीवन -मरण   जैसी  समस्त जीवन शैली दोनों राज्यों में  किसी हदबंदी  की  मुहताज नहीं है | इसी कारन से बुंदेलखंड की विभूतिया न केवल म.प्र. -उ. प्र. बल्कि देश-विदेश में भारत माता का नाम रोशन कर रही है |  धार्मिक ,साहित्यिक , राजनेतिक ,शिक्षा - समाजसेवा सहित कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहा बुन्देलखण्ड का  योगदान न हो ....|    संत गणे, श प्र साद   जी वरनी  ऐसे ही जैन संत थे  आज ही की तिथि -गणेश  चतुर्थी पर ,..जिनका जन्म तो उ.प्र. के बुन्देली ललितपुर जिले सनातनी परिवार में हुआ था परन्तु पिता से प्राप्त  न्मोकर   मंत्र की महिमा से वह माँ-पत्नी  के मोह से मुक्त होकर जैनाचार्य के रूप में अमर होगए ...| म.प्र. के बुन्देली  शहर सागर में मोरा जी का वरनी विद्यालय हो या उ.प्र. के बुन्देली जिले झाँसी के बरुआ सागर का वरनी गुरुकुल हो ....वरनी जी का पुण्य प्रताप आज सब जगह  व्याप्त है ...|....अकेले वरनी जी ही नहीं झाँसी की रानी की  शहादत  ... क्षत्रसाल जी की वीरता ...का इतिहास हो या टीकमगढ़ की उमा जी , छतरपुर के सत्य्वृत  जी, ललितपुर के मदन लाल खुराना जी.. सहित राजनेता हो या सागर जिले के खुरई तहसील के  ग्राम    बिलईया   निवासी  वर्ल्ड हु इज  हु में १९६५ से शामिल  अंतर राष्टीय संस्कृत विदवान डॉ. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी वागीश शास्त्री जी हो ...इनके साथ-साथ अन्य विभूतिया भी बुंदेलखंड को गौरवान्वित कर रही है !!! इन के  सपनो को साकार करने के लिए हम सभी  बुन्देल्खंडियो को क्षेत्र -प्रदेश -देश का नाम उठाने के लिए आगे आना होगा तभी हमपितृ   पक्ष की चतुर्थी  पर सच्चा तर्पण कर पायेगे ....!!!जय बुंदेलखंड ...जय भारत !!!वन्देमातरम !!!

Wednesday, September 14, 2011

क्षमा वाणी -तृतीय श्राध

 इस देश को सांप -बिच्छू -मदारियों और गंवारियो का देश कहने वाले मेकाले  और उनके प्यारे-प्यारे पप्पियो को क्षमा ......!!  बाबा अमरनाथ के भक्तो  की पूजा को पाखंड कहने वाले कपटियो को क्षमा ....!!!आई .एस आई .के रुपयों से कराई गई इंग्लेंड यात्रा के मुफ्त्भोगी  हमारेकलम  वीर मर्दों को क्षमा ....!!!  घाटी के अल्गाव् वादीयो से  गलबहिया करने वाले जंतर मंतर के लंकाभेदी  देश भक्तो  कोक्षमा ...!!!तिहाड़ जेल में चाय पीने  और पिलाने वाले को क्षमा ...!!! महाभियोग के पहले ही विनम्रता को अपनाने वालो   को नमन ...!!!राम लीला मैदान के सभी पात्रो ..विशेषकर आका की हुक्मअ दुली करने वालो को सलाम ....!!!विश्व कप जीतकर  मेजबानो के आगे कुर्बान होने वाले  धधिचीयो को उनकी हार  कर दिल जितने की सनातन परम्परा को घुटना टेक प्रणाम ...!!!हाकी के  चैम्पिओनो को प्रेम से अपनेprime time जुगाली में न शामिल करने वाले चैनलों को नमस्कार ....!!!अनंत पुण्य प्रितापियो को इस देश पर दिखाई  गई दया से हुएकष्ट के लिए क्षमा  !!!हरी अनंत हरी कथा अनंता ..सो भेया समस्त उपकारियो-अपकारियो को प्रणाम और जाने अनजाने हुई वीरता के लिए क्षमा याचना ...क्योकि इसी क्षमा  में ही हमारी सनातन विरासत पुष्ट हुई है ....पर भईयो हम अपने आप से कब क्षमा मांगेगे ???...क्षमा पर्व पर देश को और तृतीय तिथि पर पितरो को आपकी इस कृपा का इंतजार है ...!!आगे क्या लिखू आप खुद समझदार है ..उतम क्षमा ...!!!जय हिंद !!!जय भारत !!!वन्देमातरम !!! 

Tuesday, September 13, 2011

हिंदी दिवस


आज हम हिंदी दिवस  मना  कर  लोट -पोत हो  रहे   है !!!खूब गाल बजेगे ...फु - फा ..होगी !!! बच्चे परचै कारे करंगे ...गुरुजन क क्षाओ की जगह मंच कीशोभा  बनेगे !!!एकाध वाचनालय की झाड  फूंक हो  जायेगी ,कोई छुत्भिया नेता अपने बच्चो को विमोचन की फोटू दिखाएगा ...!!!सबसे ज्यादा खुशी तो पुलीश को होगी क्योंकि इकलोता  यही एक दिवश है जिश पर कोई पंगा-नहीं होता ...!प्रभु ,गरीब देशो में लफड़े वही होते है जहा मल्टीनेशनल कम्पनी जब  चाहे ....!!!अब भला हिंदी का मल्टीनेशनल कम्पनियों से क्या वास्ता ....बेचारी क्या नहाएगी क्या निचो.. ... और कम्पनिया वाही जय जय कार  करती है जहा निचोड़ होता है !!!अब भैया हिंदी क्या करे ...कम बिकने वाले अंग्रेजी अख़बार को हिंदी के ज्यादा  बिकाऊ अख़बार से एक विज्ञापन के ज्यादा रकम मिलती है ...हमारे सुपर -डुपर हीरो -हिरोइन मुखारविंद से अंग्रेजी ऊवाच करते है ...फिर चाहे वो फ़िल्मी या किरकेट के सितारे हो या अंग्रेजीदा नेता हो ...हिंदी के हमाम में सबएक से है ...!!! क्या   यह एक  संयोग ही  है    की हिंदी दिवस पितृ पक्ष के दोरान ही अक्सर  मनाया जाता  है ....जागो  प्यारे ...जागो नहीं तो तर्पण हो  जायेगा ...!!!जय हिंद जय हिंदी ....!!!वन्देमातरम !!!

Monday, September 12, 2011

प्रतिपदा , सर्वार्थकामना पूरण योग

तो मित्रो आज  प्रतिपदा  है  , सर्वार्थकामना पूरण योग के सम्पुट के साथ ...!!!  प्यारे  ये कामना शब्द  ही सारे  तमाशो   की जड़ है   ...अब देखो न पंचांग देखकर एक झटके में सारे काम पुरे करने फुर्ती आ गयी !!!पडोशी केयंहा पितार्पक्ष  केभोज में भी जाना है , तिहाड़ जेल के संग्रालय भी जाना है ..अरी यार सब गड़बड़ हो गया आज तो मलईदर पोश्तिंग के लिए नेता जी केपास जाना था पर क्या करे ...नेता जी तो पितार्पक्ष में ...ऐसे शुभ  कामो को बंद किये है ..पर में अपनी कामना का क्या करू ..नवरात्री .तक तो नेता जी के यहाँ लम्बी लाइन लग जायेगी ...शायद नेता लोग अपने भाव बढ़ने के के लिए ही  लिए तो ऐसा नहीं करते ..???अब क्या करू योग का लाभ लेने के लिए ..ऐसा करता हु की ५वे एक दिवश मैच को  जीतने की रेकी करता हु ..अंत भला तो सब भला !!!यहाँ एक जीत हमारे   सारे  पापो को धोकर हमें वीर    बना देगी ...यहाँ  दीगर है गोरे यही कहेंगे की हमने वैसा ही उपकार किया है जैसा उपनिवेश को आजाद करके किया था !!!भैया ,ये गोरो का ही घमंड है जो  नाशिर हुशें या बायकाट के जुबान से निकला ...इसलिए कभी भी गोरो का भरोषा नहीं करना ..जब देश में आग लगी होगी तो ये अपनी चमड़ी बचाने परदेश भाग जायेंगे ...और गोरेकहंगे की .जो  न समझे वो अनाडी है ...पर अब अन्ना की लीडरशिप में देश अनाडी नहीं है ..तभी तो अन्ना जी के सामने एक भी गोरा नहीं आया !!!ऐसे ही जज्बे हमारी सर्वार्थकामना का पूरण योग है !!!जय हिंद !!!वन्देमातरम !!!

Sunday, September 11, 2011

पित्र पक्ष

आज से पित्र पक्ष   आरम्भ होगया  है  !!!ham सबअपने अपने पूर्वजो के पुण्य स्मरण के पखवाड़े में तल्लीन हो जायेंगे  ...|गाँव -नगर सब जगह जाईये और नदी -तालाब कुया पर भारतीयता के साक्षात् दर्शन कीजेये !!!अपने पूर्वजो को याद करना सहज नहीं होता लेकिन कठिन पालो को भी उत्सव के साथ जीना ही तो सनातन hai.. और यही कारन है की कोई हस्ती हमें मिटा नहीं पाई !!!   ...हम मिटे नहीं वरन आगे बड़े यही पितरो को असली तर्पण है |इसी प्रेरणा से कश्मीरी पंडीत घाटी से विश्थापित होकर भी पितरो की याद  में आगे है !!पितरो की याद में हीकश्मीरी mushlim भी अपने पितरो के  sirname ...bhatt को bat   ,vaid को veg ,dhar को dar ,maalik को malik ,..के  saman apnaye है ...!!!aatankvadiyo के mansube isliye fail है kyoki घटी ka muslim भी utna ही bhartiya है jitna की aam bhartiya ....पितरो के liye isse jyada तर्पण और kya हो sakta है की ham सब eak है ..!!!jai hind !!!

गणेश चतुर्दशी और अनंत चतुर्दशी

गणेश चतुर्दशी और अनंत चतुर्दशी का ये मिलन हम मृतूलोकवाशियों के लिए जीने का  सन्देश दे रहा है ....!! गणपति जी कही नहीं गयेवो हम लोगो के ही बीच में है और सदा रहेगे  !!!वो तो हम लोगो की अपने पूज्यनीय से उकताने की आदत है  सो हम लोग उन्हें आपने रूटीन केधंधोको चलनेके लिएउन्हे  सादर  विदा करने की जल्दी करते है वर्ना  बाप्पा तो  हमारेजीवनरक्षक है वो भला कैसे हम से दूर होंगे ... जीवन रक्षक ........सदा रक्षक  ही रहतेहै  चाहे आप विशार्जन करे या घर में पूजने की पूजा करे ..!!!ऐसे हीआयेअनंता लेगए वृता ....में भी भगवन की क्षमावादी कृपा  निहित है!!!पुरे संसार में क्षमापर्व   सिर्फ हम हिनुश्तानी ही मानते है ....!!!!!! अब ये दीगर बात है की विदेशी ,आतंकवादी देशी विदेशी ठग चिरकुट इसे कमजोरी मानकर अपनी दुकान चला रहे हो ...पर उन्हे ये समझ लेना चाहिए कीक्षमा वीरस्य भूषणं ...आज नहीं तो कल ये सारे ..देशी -.. विदेशी मुष्टंडे ...त्राहीमाम करेंगे !!!यही हमारी सनातन संश्कृति की जीत होगी !!जय गणेश -जय जीनेंद्र -जय भारत !!!जय हिंद !!!

Saturday, September 10, 2011

पंचक

 पंचक यानि ऎसी घड़ी जिसे देखकर बड़े बड़ो को पसीना आता है !!!कोई भी शुभ कामके पहले परम्परागत हिन्दू परिवार इसका विचार करता है !!!पर में जिश पंचक की बात कर रहा हु उसका विचार हर देश भक्त को करना जरुरी है ...ये पंचक है ...आतंकवाद ,तुष्टिकरण. भ्रीष्टाचार ,जातिवाद और छेत्रियता !!!आज हरशुभ कम में ये पंचक रोड़ा है ..!आतंकबाद से आम आदमी दहशत में है ,और सर्कार कह रही है की हर हमले को रोकना मुश्किल है ..तुष्टिकरण से कश्मीरी पंडित खून के आसू रो रहा है तो भ्रीष्टाचार सेकाला धन विदेशियों का पेट भर रहा  है ..जातिवाद से भाई भाई लड़ रहा है तो छेत्रियता से हत्यारो को फांसी का विरोध  हो रहा है ....!!!!ऐसी पंचक को तोड़ो ...देश को जोड़ो ...जय हिंद !!!

Friday, September 9, 2011

pradosh vrata

प्रदोष !!! आज प्रदोष है !!!पर क्या कोई निर्दोष है ! आजादी से लेकर आज तक क्या आप निर्दोष है ....क्या कभी अपने आप से बात की !!!सीधी बात वो भी खुद से ...क्यों नहीं की ?नहीं की न ....यही दोष है !!! अब आप कहेगे..बीबी -बच्चो से बात करने की फुर्सतनहीं  है  ..मरने का टाइमनहीं है ....!!!सुबह से रात का पता ही नहीं चलता....खुद से क्या खाक बात करू  ???...मत करो बच्चू ..यही तो आपके दुश्मन चाहते है ..महगाई से पंगा न  लो ..दुनियादारी की न सोचो ..सर और कमर दोनों झुके रहे .. लम्प्ठो ..लुटेरो की फिल्म घटी दरो पर भी देखकर सीटी बजाते रहो !!! क्योकि इसी में दुष्टों की फिल्म सुपर डुपर चलेगी ...और देश विदेशियों का फिर से चारागाह बन जायेगा  !!!तोभैयाप्रदोष पर निर्दोष   नहीं बनोगे ..  जागो प्यारे ..ले लो बीड़ा ..!!!जय प्रदोष  ...

Thursday, September 8, 2011

WORLD LITTRECEE DAY

 ये दिवस आजादी के बाद भी मानना भी जरुरी था क्या?....कब तक हम अपने आप पर ताली पीटेंगे ....???जागो पढो समझो और करो ....जय हिंद !!!

DOL GYARAS

क्या बात है  ,  आहा ,आज बरसो  पुराणी  यादेताजा हो गयी !में कोई ४-५ साल का था! पालकी में  भगवान्  जी विराजे थे ! में  चरणों  मेंबैठा था !प्रसाद बाँट रहा था ,,  ढोल  - मजीरे बज रहे थे ...!जयकारा लग रहे  थे !ये दोल   ग्यारस का आनंद है ....!!!जय श्री राम !!!

Wednesday, September 7, 2011

सुगंध दशमी

क्या खुबसूरत   तिथि है !सुगंध सिर्फ सनातन है |सुगंध संश्कृति है  ......सुगंध मिटटी की जान है ...मिटटी हमारी पहचान है  ...मिटटी की  सुगंध राष्ठ्र की पहचान है ...राष्ट्र की सुगंध पर हम कुर्बान है !!!!सुगंध दशमी को शत-शत नमन .....!!!

जय गणेश झांकी -

अपने राम ने तो भगवान गणेश जी की मूर्ति को इस साल बिसर्जन  न कर अगले साल  बिसर्जन का मन बनाया है क्योकि गणेश जी के बिना सब सुना रहेगा !परन्तु पिछले साल   से विराजे गणेश जी इस बार केबिसर्जन में रहेगे !इस साल के गणेश जी अगले साल बिसर्जित करेगे !भैया क्या अपने  पूजनीय को सिर्फ दश दिन में भूल जाओगे !येमाता -पिता -फ्रेंड डे नहीं हे !मनाया   और छोड़ दिया  !...जय गणेश ...!!!

Tuesday, September 6, 2011

SHRI CHANDRA NAVMI

जय श्री  चन्द्र प्रभु  ....      
आज श्री   चन्द्र नवमी हैं ! ...
चाँद जिसे पाने के लिए इंसान  ने क्या क्या न  किया प्रभु !
 प्रभु ने जिसे शीश पर धारण    किया   !
पाक ने जिसे झंडे पर लिया !
!शायर ने जिसे  शायरी पर लिया !
अमेरिका ने जिसे मिशन पर लिया !
सुहागिनों ने जिसे करवा चौथ पर पूजा !.....
चोरो ने जिसे अमावश पर पूजा !
आशिको ने जिसे पूनम पर पूजा !....
ऐसे चाँद की आज नवमी हे ...
श्री चन्द्र नवमी !!!

Monday, September 5, 2011

radha ashtmi

आज श्री राधा अष्टमी हे 'जय श्री    राधा    सर्वेश्री विजयते .......

Sunday, September 4, 2011

संतान-सप्तमी


हम  सब   भारत माँ   की       संतान   हें ' '''''''       
  अखंड    भारत की    संतान  -  जय   हिंद  !!                                           

नमस्ते


श्री गणेशाय नम:



मित्रो
मैं ब्रजेश त्रिपाठी
आपके बीच एक ब्लागर के रूप में उपस्थित हूं.. उम्मीद है कि आपकी अपेक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरूंगा