मित्रो आज विलम्ब के लिए क्षमा करना ....!!! तो आज विश्वकर्मा जयंती है.. निर्माता ...विश्व निर्माता ..को कोटि -कोटि नमन !!!चाहे एतिहासिक निर्माण हो या आज कल- कारखाने हो ...सब प्रभु विश्वकर्मा जी और करोडो मजदुर मित्रो का प्रताप है जिन्हें सनातन परम्परा ने सदियों से पूजा है और इस पूजा को मार्क्स ने नमन करते हुए नारे के रूप में तब्दील करके आधुनिक राजनीती को नई दिशा दी ...!!!..विश्वकर्मा जी यानि निर्माण के इस्ट ...आज हम सब निर्माण का देश के निर्माण का संकल्प ले ..यही उनकी सच्ची पूजा होगी ...!!! इस निर्माण प्रिकिया में कुछ लोग यदि उपवास -प्रतिउपवास कर रहे है तो उनका भी मान करते हुए यहाँ यह माना जाना चाहिए की ऐ .के . ४७ के और बम विस्फोटो की विकरालता के बीच पितृ पक्ष में हमारे पूर्वजो के उपवास सिधान्तो की जीतहुई है और टी.आर .की भेडियो कीहार ...!!!जय हिंद -जय भारत !!!वन्देमातरम !!
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