Saturday, September 10, 2011

पंचक

 पंचक यानि ऎसी घड़ी जिसे देखकर बड़े बड़ो को पसीना आता है !!!कोई भी शुभ कामके पहले परम्परागत हिन्दू परिवार इसका विचार करता है !!!पर में जिश पंचक की बात कर रहा हु उसका विचार हर देश भक्त को करना जरुरी है ...ये पंचक है ...आतंकवाद ,तुष्टिकरण. भ्रीष्टाचार ,जातिवाद और छेत्रियता !!!आज हरशुभ कम में ये पंचक रोड़ा है ..!आतंकबाद से आम आदमी दहशत में है ,और सर्कार कह रही है की हर हमले को रोकना मुश्किल है ..तुष्टिकरण से कश्मीरी पंडित खून के आसू रो रहा है तो भ्रीष्टाचार सेकाला धन विदेशियों का पेट भर रहा  है ..जातिवाद से भाई भाई लड़ रहा है तो छेत्रियता से हत्यारो को फांसी का विरोध  हो रहा है ....!!!!ऐसी पंचक को तोड़ो ...देश को जोड़ो ...जय हिंद !!!

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