आज हम हिंदी दिवस मना कर लोट -पोत हो रहे है !!!खूब गाल बजेगे ...फु - फा ..होगी !!! बच्चे परचै कारे करंगे ...गुरुजन क क्षाओ की जगह मंच कीशोभा बनेगे !!!एकाध वाचनालय की झाड फूंक हो जायेगी ,कोई छुत्भिया नेता अपने बच्चो को विमोचन की फोटू दिखाएगा ...!!!सबसे ज्यादा खुशी तो पुलीश को होगी क्योंकि इकलोता यही एक दिवश है जिश पर कोई पंगा-नहीं होता ...!प्रभु ,गरीब देशो में लफड़े वही होते है जहा मल्टीनेशनल कम्पनी जब चाहे ....!!!अब भला हिंदी का मल्टीनेशनल कम्पनियों से क्या वास्ता ....बेचारी क्या नहाएगी क्या निचो.. ... और कम्पनिया वाही जय जय कार करती है जहा निचोड़ होता है !!!अब भैया हिंदी क्या करे ...कम बिकने वाले अंग्रेजी अख़बार को हिंदी के ज्यादा बिकाऊ अख़बार से एक विज्ञापन के ज्यादा रकम मिलती है ...हमारे सुपर -डुपर हीरो -हिरोइन मुखारविंद से अंग्रेजी ऊवाच करते है ...फिर चाहे वो फ़िल्मी या किरकेट के सितारे हो या अंग्रेजीदा नेता हो ...हिंदी के हमाम में सबएक से है ...!!! क्या यह एक संयोग ही है की हिंदी दिवस पितृ पक्ष के दोरान ही अक्सर मनाया जाता है ....जागो प्यारे ...जागो नहीं तो तर्पण हो जायेगा ...!!!जय हिंद जय हिंदी ....!!!वन्देमातरम !!!
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