मित्रो शुभ प्रभात हमारी आत्मा है !!!मुर्गे की बाग़ , प्रभात फेरी की राम धुन , अजान की पुकार , रेडिओ की मंगल ध्वनी ,वन्देमातरमगान से लेकर गो धूलि की उड़ान में ही तो भारतीयता के प्राण है ....!!!आज प्रश्न यह है -सुबह - सबेरे हमारे बच्चो को ये सब क्यों नसीब नहीं होता ...???बच्चो का रोबट की माफिक झट-पट भन्नाते हुए उठना ....रोते हुए तैयार होना ... चटपटे गरिस्थ टिफिन ठूस कर बस्ता लारी में पटक कर माफिया स्टायल में भागना ...भरी दोपहरी में हाफ्ते -हाफ्ते घर में घुस कर कटे पेड़ की भांति गिर जाना और खाने की प्लेट की जगह टीवी रिमोट पकड़ कर निठल्ला हो जाना ....इस मारा -मारी में शुभ प्रभात बचता ही कहा है ....!!! दोस्तों ..शुभ प्रभात न रहे यही तो देशद्रोही चाहते है ....पर हम क्या चाहते है ...सोचो -जागो -उठो और प्रभात फेरी का झंडा उठाओ ....... षष्ठी तिथि पर यही सच्चा तर्पण होगा ...!!!
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