Monday, October 31, 2011

कुर्बानी

लडकपन में अपने सागर शहर की अलंकार टाकीज में हाउसफूल के बोर्ड के साथ देखी थी क़ुरबानी ... तब .बोबी..फिल्म के बाल कलाकार की भांति छुप-छुप दर्शन कर क़ुरबानी का आनंद लिया था !!!...अब आप कहेंगे क़ुरबानी और आनंद एक साथ कैसे ???..भईया..आजकल तो बचपन की क़ुरबानी का आनंद बच्चे डी.वि.डी--कम्पूटर-टी.वि..पर समवेद स्वर  में उठाने में टिके है ...और बड़े -बड़े आवाज की क़ुरबानी देकर मौन मग्न है ...!!!!.. आत्मघाती  दस्तों के लडाको को तो जन्नत के झूठे आनंद की फिल्म ही दिखा कर ही क़ुरबानी के नाम पर तैयार किया जाता है !!!
                                                              अकेले आतंकवादी ही नहीं  हमारे स्विश बैंक के पुजारी भी तो  आम आदमी के आनंद की क़ुरबानी देकर ही  हिप -हिप हुर्रे  करते मटक रहे है ...इनके बॉडीगार्ड  दिनरात अपने आनंद का ट्विट संतो की क़ुरबानी में ढूंड रहे है ???...ऐसे ही फार्मूला वन प्रेमियों ने तो  सब कुछ कुर्बान कर अपने आनंद की खूब जय बोली है ...ये बेचारे तो जान की क़ुरबानी की कीमत पर भी आनंद मार्ग पर सरपट भागते है !!!  क़ुरबानी के इन मार्गो के बीच में बकरों कीक़ुरबानी के विकल्प   का मार्ग पाकिस्तान के कुछ युवाओं ने दिखाया है ...पाकिस्तान के नेताओ का भाषण तैयार करने वाले हमारे वाचालों की बोलती यहाँ क्यों बंद है ???

Sunday, October 23, 2011

धन -तेरस

आपको  तिर्कालदर्शी महाप्रतापी चैनलों से पता चल ही गया होगा की आज धन तेरस है ...!!! कुछ ने डराया होगा ...तो कुछ ने धन तेरस पर तेरवी से कैसे बचें इसके उपाय बताये होंगे ...कुछ ने क्या ख़रीदे क्या न ख़रीदे इस पर ओघडी बघार लगाया होगा ...!!!...अब किस ने  क्या किया न किया पर अपने घर में तो रात भर से कुंडली दोष दूर करने के लिए भाग्यवान पंचामृत से  स्नानरत है ...अलबत्ता..बच्चे जरुर  कबाड़ी स्टायल में  पैर पटकते स्कूल भागे है ...और में स्नान पंचामृत   महिमामंडन  की राह तक रहा  हू!!!
                      राह ताकने का सिलसिला दिन भर चलेगा ..दुकानदारअलसुबह से ही ग्राहकों को तकेगे ... चैनल भक्त रात भर किये उपायों के परिणाम के लिए अगले चैनली ज्ञान की राह देखेंगे ...धनिजन धार्मिक स्थलों के अंदर प्रभु को धनभाव से निहारेंगे तो भिक्षु बाहर उनकी खनक को परखेंगे ...|||| ...परखने के लिए नाना प्रकार के  जतन हो रहे है ..कुछ दुकानों के बाहर तो किराये के ज्योतिषी  बिठालकर ग्राहकों की राशि पूछ कर  उन्हें राशि अनुसार  काला-पीला द्रिव्य खरीदने का दिव्य  ज्ञान परोसने का अभिनव प्रयोग किया जा रहा है तो कुछ सामुद्रिकशास्त्र से ग्राहकों को परखेंगे ...!!!..परखा - परखी से दूर  २६/३२ रुपये  की की चक्की में पिस रहा आम आदमी किसी के एजेंडे में नहीं है ...क्या चैनल ..क्या तंत्र -मन्त्र ..क्या बाजार ...सब मस्त है ???..इस मस्ती में उनकीं धन -तेरस को अकेले  आयोग के भरोसे  छोडना क्या हमें सतुरमर्ग नहीं बनाती ....???

Thursday, October 20, 2011

निजीराय

तो हाजिर है निजी राय ...मेहरबान -कद्रदान हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के वासिंदे है ...सो हमें  बाकायदा लायसेंस भी मिला हुआ है !!!...अब आप चाहे ..तो खुद को संसद से ऊपर भी पुकार सकते है ...आपका दाया हाथ झुका रहे और बांया हाथ थप्पड़ रसीद कर दे तो भी आपको बांये हाथ के कुकृत्य से खुद को अलग करने की निजी राय रूपी कुटिलता उपलब्ध है ???...अब मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्री राम चंद्र जी के बहाने भाई लोगो ने निजी राय की दुकान फिर तेज कर दी है और मित्रों ये दुकानदार उसी केम्प से निकले है जो स्टालिनवर्णन  की फिल्म को कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में वैन करते थे ...जो एन .सि.आर.टी.की किताबो में वीर शिवाजी ..महाराणा प्रताप ,सिख गुरु...के प्रति अपमानजनक संबोधनो .. देवी -देवताओ की अमर्यादित पेंटिंग में निजी राय की आड़ लेते है और उनकी इस निजी राय की घिग्घी बुकर विजेता  या पडोसी देश के उपन्यासकारों के फतवे के समय   बंध जाती है ????..निजीराय का ए़कशटर कश्मीर के बहाने खुला हुआ है ...तो दूसरा कसाब -अफजल की खुसामदी में चालू है ..???..और हां ए़क निजी राय की उचित मूल्य की दुकान हत्यारेनक्सलीयों के लिए बकायदा चालू है ...हमारे जवान शहीद हो तो अफ़सोस में भी कंजूसी ..पर हत्यारे आतंकी नेता की मातमपुर्सी में  विधवा -विलाप भी फीका करते है भाई लोग ...???..इनकी निजी राय को बस्तर के गंगालूर से लेकर पीडिया -चेरपाल -उसूर -नारायणपुर -मद्देड में बरसो से पसरा आतंकी उजाड दिखाई नहीं देता ...क्योकि यदि वे उसे देखेंगे तो उनको आयोगों के पद, विदेशी एजेन्सियोके मद से लेकर छपास तक से वंचित रहना पड़ेगा ...!!!..वैसे रूसो की निजी राय ये थी आदमी स्वभाव से जानवर है ...पर यह आदमता हमारे राष्ट्र विरोधी निजी राय वीरो में ज्यादा दिख रही है ..ये दीगर बात है की इस निजी राय कम्पनी से पाकिस्तानी प्रवक्ताओं को अपने  बयान नहीं लिखने पड़ते ...???चलो निजी राय से किसी को तो फायदा है !!!!

Wednesday, October 19, 2011

तपस्या -भंजन

तात   आजकल तपस्या भंग की बड़ी चर्चा है !!! बेचारे  बाबाजी म.प्र. सरकार के सामने  अपने  तपोबल के हरण का दुखड़ा रो रहे हैं|तपोबल के  हरण का एक मामला अखबारों में अफ़्रीकी देशोंमें चर्चा में है ...जहाँ तीन मुस्टंडो का हरण  १७ वीरांगनाओं ने सिर्फ तंत्र -मंत्र सिद्दि के नाम पर कर डाला!!!.... इनप्रसंगोंमें  भले हीमहिला तप की महिमा प्रकट हुई हो  पर अपने बाबा का तप तो नारी वस्त्रोंसे बच पाया था !!
       वैसे  सब जगह           तपस्या भंग समस्या  बनी हुई है ...कोर्ट के फेसले से रथ यात्रा की तपस्या तंग हुई ...चप्पल ने भी रंग में भंग कर डाला...विलायतियो
ने धुन कर जीत की धुन तोड़ दी...अब वे भी भंग हो रहे है ..बड़बोलो ने महानायक को मौन पर लाकर लयबिगाड़ दी ...खेल विधेयक से  संघों  के अरमान बिखर रहे है ..हां ..  किरकिटिया संघ  तप भंग से भी मजे में है ???...तपस्या भंजनके नफे -नुकसानभी दिख रहे है |मौन पर जाते ही टीम क्षरण शुरू हो गया . कर्णाटक से दिल्ली को दम मिल गई ...भारत में हमारे लड़के फिर शेर हो गए ...रथ के पीछे गुबारबड  गया ...!!!!. लख-टकिया  सवाल सीधा सा है तपस्या किसकेलिए और क्यों .??....तपस्या -समस्या  क्यों ???...जाहिर सी बात है ..अपने-अपने एजेंडे है ..फिर  तपस्या शब्द की आड़ क्यों ...???

Saturday, October 15, 2011

कश्मीर-कश्मीर खेले

यह सप्ताहांत बड़ा ही रोमांचक रहा ...अंग्रेजों को पदाने की कसक भी पूरी कर ली गई  ....हिसार की हसरते भी पूरी होने को है ...हाथ धुलाई कार्यक्रम भी सबने बड़े चाव से देखा ...!!!..इस धुलाई से तबियत भी हरी हुई और जख्म भी ...???  तबियत की चिंता तो कानून करेगा लेकिन जख्मो की चिंता किसे है ...? क्या  कल्हण ने राजतरंगिणी लिखते  समय इसकी कल्पना की  होगी,क्या कारगिल के शहीदों ने गोली खाते समय ये सोचा होगा ,क्या कश्मीरीपंडितो  ने घाटी छोड़ते समय इस दिन की कल्पना की होगी ...और तो और क्या किसी पाकिस्तानी ने हमारी आजादी के बाद हमारे ही देशवासी के मुखारविंद से ऐसे उदगार की कल्पना की होगी ...???
                             कल ही एक चैनल पर ज्ञान बघारा जा रहा था की जख्मो की चर्चा न करके हम सिर्फ हाथ धुलाई की चर्चा ही    करे ...तो भई नक्सली खून से धुलाई करते आ रहे है ...दादा लोग जगह -जगह हाथ धुलाईऔर सफाई करते आ रहे है ...तब क्यों नहीं भाई लोग कल्पे ... चर्चा ही नहीं धुलाई करने वालो का पूरा  क़ानूनी इंतजाम होना चाहिए और कानून इंतजाम करेगा भी ...पर जख्मो की चिंता हमने नहीं की तो कश्मीर के पाकिस्तानी एजेंडे को ही बल मिलेगा !!! कश्मीर अकेला कश्मीर ही नहीं वरन हमारे देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सरहद भी है ..!!! कश्मीर से फौज हटाने के बाद जो पाकिस्तानी  परस्त आतंकवादी घाटी में तांडव कर रहे है वे फिर मैदान में उतर आयेगें...और फिर आप कहेंगे मैदान से भी फौज हटा लो और जहाँ से आपकी दुकानदारी चल रही है वहाँ भी जनमत करा लिया जाये ???...इन लालबुझक्कड़ लाल को न कश्मीरी पंडितो के घावों की फिक्र है ना फौज के बलिदान की और ना ही उस संस्कृति की जिसके चलते आज भी आम कश्मीरी अपने हिन्दुस्तानी पूर्वजो की याद में भट्ट को बट,वेद को बेग कहता-लिखता है और कोई आतंकवादी हमारी इस पहचान को नहीं मिटा पाया ???..अफ़सोस विभीषण के पूर्वज अभी भी कश्मीर -कश्मीर खेल रहे है ...और हम देख रहे हैं..????

Monday, October 10, 2011

रावण-दहन

मित्रों ,बीते सप्ताह अपने यहाँ रावण दहन की धूम रही | इधर रावण का पुतला फूँका..उधर रा. वन का इन्तजार...रावण फिल्म  से यहाँ ससुर साब भले दुखी हुए हो ..पर मणिरत्नम जी को दक्षिण में निराशा नहीं लगी...लेकिन रावण -दहन के बाद भी आज उत्तरी श्री लंका में निराशा व्याप्त है ???  आज दशहरा की सनातन परम्परा पर हमारे तमिल श्री लंका में कैसे है ...कितनो को इसकी फिक्र है ??? कहाँ गए वे लोग ..जो .. सनातनियो की दुहाई देकर अरसे से चमक रहे है ...!!!माना कि लिट्टे  ने उपद्रव किया पर क्या उससे  श्रीलंकाई तमिलों  का उत्पीड़न चलता रहेगा ....!!!इनके उत्पीडन को लेकर सदन में चिंता भी हुई पर ये जनसामान्य की   चिंता का विषय कब बनेगा ...हम पुतले ही फूंकते रहेंगे ..और रावण की लंका में मानवता राख होती रहेगी !!! मानव अधिकार संगठन से लेकर लिपस्टिक के कलर तक की जुगाली करने वाली चैनली दुनिया कब तक शतुरमुर्ग बनी रहेगी ...?क्या दशहरा की गूंज में रावण की   लंका  के तमिलों की कराह दब जायेगी ????..रावण -दहन का मतलब घोडे बेच कर सोना तो नहीं है ....!!!

Wednesday, October 5, 2011

Billya: अब्सेंट-अब्सेंट खेले

Billya: अब्सेंट-अब्सेंट खेले: नमस्ते-नमस्ते,...नमस्ते जी ....आप सोच रहे होंगे ..आज बार-बार ये तकलुफ्फ़ क्यों ...??? जरा याद करिये घर की काम वाली बहिन जी को ....थोडा जोर ल...

अब्सेंट-अब्सेंट खेले

नमस्ते-नमस्ते,...नमस्ते जी ....आप सोच रहे होंगे ..आज बार-बार ये तकलुफ्फ़ क्यों ...???  जरा याद करिये घर की काम वाली बहिन जी को ....थोडा जोर लगाईये ...अपने ऑफिस वाले बड़े बाबू की स्टायल का पुण्य स्मरण करे ...!!!! नहीं समझे ..तो फिर अपने लडकपन...के मास्टर साब को चिढाने की अदा  को याद करे ....|... ज्ञानियों.....बिन मंजूरी अब्सेंट की झेप मिटाने की ये अचूक दवा इस स्टायल में व्याप्त है ...!!!!  वैसे तो ये  दण्डनीय   अपराध है ...पर अगर दंड से मर्ज ठीक होता ..तो ..भईया क्या नए -नए बहाने  इजाद होते ...क्या दफ्तर-दफ्तर - हम भटकते ???
                                                 आप शायद ... गलत दिशा में जा रहे है ...ये कोई अकेला  सरकारी रोग नहीं है .....!!!  वर्ना  भला आदमी ..पूरे कुनबे की बैठक से अब्सेंट रहकर गुरु का गुड गोबर क्यों करता ........ मेडम भी बच्चों को लड़ने के लिए  छोडकर क्यों छु-मंतर हो जाती .... भाई लोग इन्गिलिस्तान में रातो-रात बीमारी के नाम पर  किरकिटिया दल को दल-दल में  कैसे छोड़ते...???...सुधिआत्माओ ...सब अपनी -अपनी  सुबिधाओ का  खेल है और ..इसी खेल के चलते मैं कल दुर्गा-अष्टमी को अब्सेंट  यानि गैरहाजिर .रहकर ..आज  जीहाजिर की टेर लगा रहा हूँ ...!!!इस  बंदे की हाजिरी लगा भी देंगे पर इस खेल का क्या करेंगे ....????

Sunday, October 2, 2011

Billya: रन र आउट

Billya: रन र आउट: आज कल आउट होने की बड़ी चर्चा है...वो भी बेचारे रनर की ...आई.सी.सी. ने पहला ऐसा काम किया है कि मानव अधिकार संघटनो को उसकी सार्वजानिक स्तुति क...

Billya: रन र आउट

Billya: रन र आउट: आज कल आउट होने की बड़ी चर्चा है...वो भी बेचारे रनर की ...आई.सी.सी. ने पहला ऐसा काम किया है कि मानव अधिकार संघटनो को उसकी सार्वजानिक स्तुति क...

Billya: रन र आउट

Billya: रन र आउट: आज कल आउट होने की बड़ी चर्चा है...वो भी बेचारे रनर की ...आई.सी.सी. ने पहला ऐसा काम किया है कि मानव अधिकार संघटनो को उसकी सार्वजानिक स्तुति क...

रन र आउट

आज कल आउट होने की बड़ी चर्चा है...वो भी बेचारे  रनर की ...आई.सी.सी. ने पहला ऐसा काम किया है कि मानव अधिकार संघटनो को उसकी सार्वजानिक स्तुति करनी चाहिए !!! आखिर एक बंधुआगिरी तो खत्म हुई !मालिक ताबड़तोड़  कुटाई  करता रहे -तालियां बटोरता रहे और बेचारा रनर हाफता हुआ दौड़ में चूक जाए तो गालियाँ खाए ...राम-राम कैसा जुलम होता रहा बेचारे पर ...करे कोई-भरे-  कोई ???   रनर के साथ ही  गोरो द्वारा कालो को पदाने के एक बहाने का भी अंत हो गया ....!!!अब अपने मालिक घबराये  है कि कही उनके रनर भी मुक्तिमोर्चा न बना ले .....! वैसे भी तिहाडी  चीख रहे है ...हम तो रनर है हमें बख्शो ...!!! ..पर भिया अपने यहाँ किस -किस रनर का निपटान करेंगे ???जन्म से मरण तक अपने पीछे मालिकों के रनर दोड़ते रहते है ...जहा जाईये रनर की पुकार पाइएगा...क्या कराना है ..रेट लिस्ट हाजिर है !!!  यहाँ  चालू टाईप के कारिंदे जुगाली करते हुए कहेगे ...ये सब देश को कमजोर करने की साजिश है ...हमारे यहाँ कोई रनर -विनर नहीं है ....!सच्ची कोई रनर विनर नहीं होता !!!....पर रनर आउट हो तो ...विनर की घिग्घी  अपने आप बंध जायेगी ......!!! सो अन्नागिरी से लेकर नक्सली दादा लोग तक रनर के पीछे पड़े है पर अपुन के देश में  रनर गाथा चालू आहे ????

Saturday, October 1, 2011

Billya: वेटिंग महिमा

Billya: वेटिंग महिमा: साथियों,कृपया आप इन्तजार कीजिये आप किऊ में हैं....!!!मायावी -कंपनियों के इंद्रजाल से हम सब को बतियाने के पहले इस नसीहत से दो-चार होना पड़ता ह...

वेटिंग महिमा

साथियों,कृपया आप इन्तजार कीजिये आप किऊ में हैं....!!!मायावी -कंपनियों के इंद्रजाल से हम सब को बतियाने के पहले इस नसीहत से दो-चार होना पड़ता है??? ऐसा ही पुण्य काल भारतीय रेल के सफर में हम भोगते है ...!!!मित्रों ..याद करो वो गुजरा जमाना..जब फून के फॉर्म भरने की लाइन से हम विजयी मुद्रा में निकलते थे ..गैस कनेक्शन हमारे  पुरषार्थ का पैमाना होता था ...तब इनकी वेटिंग में नाम आने भर से बन्दों की चाल बदल जाती थी !..जमाना गुजर गया पर वेटिंग महिमा जारी है ..साहिब लोग अपने मातहतो  के सामने तरक्की की वेटिंग में होने का दाव खेलकर झेप मिटाते रहते है,वेलेंटाइन डे पर प्रिये को इन्क्रीमेंट की वेटिंग किलियर  होने पर खूबसूरत तोहफे का सपना दिखाना बड़ा ही रोमांचक रहता है ...|..हमारे स्वम्भूओ चैनलों की टी.आर.पी .तो वेटिंग की दम पर ही फल- फूल रही है ...बने रहिये ..दुनिया नष्ट होने वाली है ..सबसे पहले हमारे चैनल पर ...कार  में रैप कैसे ..वशीकरण कैसे ... माम आज हँसी क्यों ...हीरो-हीरोइन को पसीना क्यों आया ...बस देखिये थोड़ी देर में... कही जाईयेगा मत ...!!!.  लगे रहो मुन्ना भाई ..      .वेटिंग महात्म.. के चलते तुम्हे जल्द ही लाल- पीली  बत्ती मिलेगी ...सो मुन्ना लोग रेलियो-सभाओ में भीड़ - भाड़ की तल्लीनता में मग्न  रहते है ... इनकी दुकानों का .क्या होता अगर वेटिंग महिमा न होती ????अब यह दीगर बात है की वेटिंग के चक्कर में गुरु-चेला एक -दूजे को निपटाने में लगे है .....!!!!   कौन निपटता है ...देखते रहिये ...बने रहिये ...वेटिंग महिमा चैनल ..सबसे अलग ..विल्कुल निष्कपट ...!!!