Wednesday, October 19, 2011

तपस्या -भंजन

तात   आजकल तपस्या भंग की बड़ी चर्चा है !!! बेचारे  बाबाजी म.प्र. सरकार के सामने  अपने  तपोबल के हरण का दुखड़ा रो रहे हैं|तपोबल के  हरण का एक मामला अखबारों में अफ़्रीकी देशोंमें चर्चा में है ...जहाँ तीन मुस्टंडो का हरण  १७ वीरांगनाओं ने सिर्फ तंत्र -मंत्र सिद्दि के नाम पर कर डाला!!!.... इनप्रसंगोंमें  भले हीमहिला तप की महिमा प्रकट हुई हो  पर अपने बाबा का तप तो नारी वस्त्रोंसे बच पाया था !!
       वैसे  सब जगह           तपस्या भंग समस्या  बनी हुई है ...कोर्ट के फेसले से रथ यात्रा की तपस्या तंग हुई ...चप्पल ने भी रंग में भंग कर डाला...विलायतियो
ने धुन कर जीत की धुन तोड़ दी...अब वे भी भंग हो रहे है ..बड़बोलो ने महानायक को मौन पर लाकर लयबिगाड़ दी ...खेल विधेयक से  संघों  के अरमान बिखर रहे है ..हां ..  किरकिटिया संघ  तप भंग से भी मजे में है ???...तपस्या भंजनके नफे -नुकसानभी दिख रहे है |मौन पर जाते ही टीम क्षरण शुरू हो गया . कर्णाटक से दिल्ली को दम मिल गई ...भारत में हमारे लड़के फिर शेर हो गए ...रथ के पीछे गुबारबड  गया ...!!!!. लख-टकिया  सवाल सीधा सा है तपस्या किसकेलिए और क्यों .??....तपस्या -समस्या  क्यों ???...जाहिर सी बात है ..अपने-अपने एजेंडे है ..फिर  तपस्या शब्द की आड़ क्यों ...???

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