Sunday, October 2, 2011

रन र आउट

आज कल आउट होने की बड़ी चर्चा है...वो भी बेचारे  रनर की ...आई.सी.सी. ने पहला ऐसा काम किया है कि मानव अधिकार संघटनो को उसकी सार्वजानिक स्तुति करनी चाहिए !!! आखिर एक बंधुआगिरी तो खत्म हुई !मालिक ताबड़तोड़  कुटाई  करता रहे -तालियां बटोरता रहे और बेचारा रनर हाफता हुआ दौड़ में चूक जाए तो गालियाँ खाए ...राम-राम कैसा जुलम होता रहा बेचारे पर ...करे कोई-भरे-  कोई ???   रनर के साथ ही  गोरो द्वारा कालो को पदाने के एक बहाने का भी अंत हो गया ....!!!अब अपने मालिक घबराये  है कि कही उनके रनर भी मुक्तिमोर्चा न बना ले .....! वैसे भी तिहाडी  चीख रहे है ...हम तो रनर है हमें बख्शो ...!!! ..पर भिया अपने यहाँ किस -किस रनर का निपटान करेंगे ???जन्म से मरण तक अपने पीछे मालिकों के रनर दोड़ते रहते है ...जहा जाईये रनर की पुकार पाइएगा...क्या कराना है ..रेट लिस्ट हाजिर है !!!  यहाँ  चालू टाईप के कारिंदे जुगाली करते हुए कहेगे ...ये सब देश को कमजोर करने की साजिश है ...हमारे यहाँ कोई रनर -विनर नहीं है ....!सच्ची कोई रनर विनर नहीं होता !!!....पर रनर आउट हो तो ...विनर की घिग्घी  अपने आप बंध जायेगी ......!!! सो अन्नागिरी से लेकर नक्सली दादा लोग तक रनर के पीछे पड़े है पर अपुन के देश में  रनर गाथा चालू आहे ????

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