Thursday, October 20, 2011

निजीराय

तो हाजिर है निजी राय ...मेहरबान -कद्रदान हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के वासिंदे है ...सो हमें  बाकायदा लायसेंस भी मिला हुआ है !!!...अब आप चाहे ..तो खुद को संसद से ऊपर भी पुकार सकते है ...आपका दाया हाथ झुका रहे और बांया हाथ थप्पड़ रसीद कर दे तो भी आपको बांये हाथ के कुकृत्य से खुद को अलग करने की निजी राय रूपी कुटिलता उपलब्ध है ???...अब मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्री राम चंद्र जी के बहाने भाई लोगो ने निजी राय की दुकान फिर तेज कर दी है और मित्रों ये दुकानदार उसी केम्प से निकले है जो स्टालिनवर्णन  की फिल्म को कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में वैन करते थे ...जो एन .सि.आर.टी.की किताबो में वीर शिवाजी ..महाराणा प्रताप ,सिख गुरु...के प्रति अपमानजनक संबोधनो .. देवी -देवताओ की अमर्यादित पेंटिंग में निजी राय की आड़ लेते है और उनकी इस निजी राय की घिग्घी बुकर विजेता  या पडोसी देश के उपन्यासकारों के फतवे के समय   बंध जाती है ????..निजीराय का ए़कशटर कश्मीर के बहाने खुला हुआ है ...तो दूसरा कसाब -अफजल की खुसामदी में चालू है ..???..और हां ए़क निजी राय की उचित मूल्य की दुकान हत्यारेनक्सलीयों के लिए बकायदा चालू है ...हमारे जवान शहीद हो तो अफ़सोस में भी कंजूसी ..पर हत्यारे आतंकी नेता की मातमपुर्सी में  विधवा -विलाप भी फीका करते है भाई लोग ...???..इनकी निजी राय को बस्तर के गंगालूर से लेकर पीडिया -चेरपाल -उसूर -नारायणपुर -मद्देड में बरसो से पसरा आतंकी उजाड दिखाई नहीं देता ...क्योकि यदि वे उसे देखेंगे तो उनको आयोगों के पद, विदेशी एजेन्सियोके मद से लेकर छपास तक से वंचित रहना पड़ेगा ...!!!..वैसे रूसो की निजी राय ये थी आदमी स्वभाव से जानवर है ...पर यह आदमता हमारे राष्ट्र विरोधी निजी राय वीरो में ज्यादा दिख रही है ..ये दीगर बात है की इस निजी राय कम्पनी से पाकिस्तानी प्रवक्ताओं को अपने  बयान नहीं लिखने पड़ते ...???चलो निजी राय से किसी को तो फायदा है !!!!

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