Saturday, September 24, 2011

सन्यासी श्राद्ध

मित्रों आज  सन्यासी श्राद्ध है !!यानी , आज पितर सन्यासियों को श्राद्ध करने से तृप्त होते है ....सो मैंने सुबह से सन्यासियों की खोज में चारों दिशाओं में दूत दोड़ा दिए और घर में श्राद्ध भोज पकवाना शुरू कर दिया था ....!!!..ब्रम्हबेला से सुबह फिर दोपहर और अब शाम हो गई ..  में तो ऑफिस चला आया ...अभी अभी धर्म पत्नी की चीख फोन पर आई ...सुनो पाखंडी .. अब तक कोई दूत सन्यासी लेकर नहीं लोटा..इस श्राद्ध भोज का क्या करू ???दूतों को पता किया तोआकाशवाणी हुई ..है तात..क्यों गरीब अनुचरो को हैरान कर रहे हो ..इस मिर्तुलोक में जब सन्यासी बचे हो तब तो तुम्हारे यहाँ ये बेचारे लायेंगे ..!!!मेने कहा प्रभु ,घर छोडू नेता बुला लू चलेगा,टीम इण्डिया के वैरागियो को बुला लू चलेगा ,अफगान से नाटो के रणछोड़लडाको को बुला लू चलेगा ,रामलीला मैदान के दिलजलो को बुला लू तो चलेगा ,महगाई से सूखे जंतु चलेगे ,नक्सली सितम के  गवाह ला दू ,....अरे कुछ तो बोल जिससे धरमानी के बेलन से बच सकू......सुनो वत्स ..तिहाड़ के मेहमानों को खिला दो ..उनके पितर रूठ चुके है .....!!!!

No comments:

Post a Comment