Wednesday, September 28, 2011

नवरात्रि

देवी उपासना के गौरवशाली पर्व की पूजा आज से देश भर में आरम्भ हो गयी है |नारी को देवी स्वरुप पूजन की महान परम्परा यह दर्शाती है की हमारे पूर्वज नारी सशक्तिकरण के प्रति कितने  उदात्त रहे  हैं!!!...क्या .आज वह  उदारता व्यहारिक रूप में हम पा रहे हैं?...घरेलू हिंसाविरोधी कानून ,दहेज विरोधी अधिनियम ,सती निरोधक प्रावधान ,कार्य स्थल पर योनदुर्व्यवहारविरोधी कानून ....जैसे अन्य नारी हिंसा पर रोक सुनिश्चित करने वाले विधिक प्रावधान हमारी व्यस्था में व्याप्त लेंगिक भेदभाव की चुगली कर रहे है ?आखिर हम कबतक नारी उत्पीड़नको सिर्फ क़ानूनी मसला मानेंगे?क्या ऐसा कर हम अपनी जिम्मेदारीपूरी कर पा रहे है ...?चाहे ..कविता हो याभँवरी....ये तो अन्याय की भँवरमें उछले कुछ नाम भर है ..कितने नामपाप  धारा में समां गए ...किसे पता है !!!
       आज        नवरात्रि पर्व पर न केवल इसे पता करने बल्कि इस भेदभाव को सामाजिक क्रांति के माध्यम से दूर करने के संकल्प की नितांत आवश्यकताहै...तभी बेटी बचाओ अभियान सफल होगा ...वर्ना देवी माँ को अगला अवतार हम पुरुषोंको सबक सिखाने के लिए लेना पड़ेगा और तब सिर्फ प्रलय दिखेगा.. महाप्रलय.....!!!...माँ हमें सद्बुद्धि -सदमार्गदें !!!

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