Wednesday, September 28, 2011

ज्यादा वजन के खतरे

देवियों और सज्जनों बीते दिन म.प्र.के सागर -भोपाल रोड पर एक पुलिया १०८ पहियों वाले ४००टन वजनी ट्राले के नीचे आकर शहीद हो गयी ....और अपने साथ ट्राले को भी ले डूबी ...दो जिन्दिगिया डूबी सो अलग ....!!!.अब ज्यादा वजन के ट्राले से भले ही पुलिया वीरगति को प्राप्त हो गई हो ..पर बाबा टाइप ज्योतिषी ज्यादा वजन्कारक             अलोकिक                           -                      - अदृश्य महिमा  के भार से व्यवस्था की अधोगति की चिंता में दुबले हुये जा रहे है ? ..ऐसे ही राजधानी देल्ही में ज्यादा वजन से तीन मंजिला ईमारत ने जमीं चूमी वो अलग....!  ज्यादा वजन के पुण्य प्रताप की दन्त कथायें पुरातनकाल से प्रासंगिक रही हैयह दीगर है कि राजधानी की वजन्कारक आफतो को चे़नल ज्यादा भाव देते है ?
                                                    इस प्रसंग में वजनदारो की  भीमकाय आत्ममुग्ध काया से जलने वालो की लिस्ट अपने आप बढती रहती है ...|इन दिलजलो से परेशान बेचारे कुछ तो आत्म्काया हिंसा पर उतारू होकर डाइटिंग-फाइटिंग करने लगते है जबकि कुछ और वजन बढ़ा -बढ़ा कर ....दिलजलो को  फूँकते रहतेहै.....! इस फूँका-फांकी के बीच अब ज्ञानियों ने उवाच किया हैकि..ज्यादा बजनदार उर्फ मालदारों को कृशकायोंकि तुलना में अपना वजन घटाने के लिए तैयार रहना चाहिए !!!..वैसे भी अपने मुल्क में हर चीज का कानून बनाने का चलन है ..सो इसकी भी  तैयारीहो सकती है |कम से कम नक्सली किसी कानून का तो सम्मान करेंगे

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