तो मित्रो आज प्रतिपदा है , सर्वार्थकामना पूरण योग के सम्पुट के साथ ...!!! प्यारे ये कामना शब्द ही सारे तमाशो की जड़ है ...अब देखो न पंचांग देखकर एक झटके में सारे काम पुरे करने फुर्ती आ गयी !!!पडोशी केयंहा पितार्पक्ष केभोज में भी जाना है , तिहाड़ जेल के संग्रालय भी जाना है ..अरी यार सब गड़बड़ हो गया आज तो मलईदर पोश्तिंग के लिए नेता जी केपास जाना था पर क्या करे ...नेता जी तो पितार्पक्ष में ...ऐसे शुभ कामो को बंद किये है ..पर में अपनी कामना का क्या करू ..नवरात्री .तक तो नेता जी के यहाँ लम्बी लाइन लग जायेगी ...शायद नेता लोग अपने भाव बढ़ने के के लिए ही लिए तो ऐसा नहीं करते ..???अब क्या करू योग का लाभ लेने के लिए ..ऐसा करता हु की ५वे एक दिवश मैच को जीतने की रेकी करता हु ..अंत भला तो सब भला !!!यहाँ एक जीत हमारे सारे पापो को धोकर हमें वीर बना देगी ...यहाँ दीगर है गोरे यही कहेंगे की हमने वैसा ही उपकार किया है जैसा उपनिवेश को आजाद करके किया था !!!भैया ,ये गोरो का ही घमंड है जो नाशिर हुशें या बायकाट के जुबान से निकला ...इसलिए कभी भी गोरो का भरोषा नहीं करना ..जब देश में आग लगी होगी तो ये अपनी चमड़ी बचाने परदेश भाग जायेंगे ...और गोरेकहंगे की .जो न समझे वो अनाडी है ...पर अब अन्ना की लीडरशिप में देश अनाडी नहीं है ..तभी तो अन्ना जी के सामने एक भी गोरा नहीं आया !!!ऐसे ही जज्बे हमारी सर्वार्थकामना का पूरण योग है !!!जय हिंद !!!वन्देमातरम !!!
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