आपके जेहन में पित्र मोक्ष श्राद्ध पर अपनों की पुष्पांजलि के नाम पर किनके नाम आयेंगे ...?दादा-परदादा ..और भी पीढ़ीगत परमपूजनीय पुण्य स्मरण ....इसलिए ही आज के श्राद्ध में जाने- अनजाने -भूले -बिसरे दिवंगत अपनों के...तर्पण का विधान है !!!अब आप अपने किसे मानते है ?जो विरदावली में वर्णित है या वे जो भारत माँ की संतान है ...???अपनों के नाम तो घर में या पंडो के यहाँ अमूनन मिल जाते है ...पर कहा गए वो लोग की खोज इतनी आसान नहीं रहती ?
तो क्या हम उन्ही का श्राद्ध करेंगे ..जिन्हें हम आसानी से जानते है !या जाने -अनजाने में गुजर गए देशवासियों के तर्पण की भी शुध लेंगे....?क्या हमें पता है -हजारोंलोग तड़प-तड़प कर अपनी जान उन दवाओंकी टेस्टिंग में दे देते है जिनके कारन आज दुनिया तंदुरुस्त है ...इन दधिचियो को आप तर्पण नहीं देंगे ?..यदि नहीं तो आप तो उस सिस्टम से भी बुरे है जो इन शहीदों को मुआवजेलायक भी नहीं मानता ...!!!ऐसे ही बड़े-बड़े बांधो के बहाव के लिए अपने सपनो को आंसुओं में बहा कर तिल -तिल कर जान देने वाले देवदूतो के तर्पण के लिए भी क्या आपके हाथ नहीं उठेंगे ?
आतंक वाद से हमारी रक्षा करते-करते शहीद हुए वीरो को भूलेंगे क्या? नक्सली अराजकता से देश को बचाने में वीरगति को प्राप्त जवानो का पुण्य स्मरण नहीं करेंगे ?महगाई डायनके ग्रास बने अपनों को बिसरा देंगे ? आत्मघाती मजबूर किसानो की आत्मा को तृप्त नहीं करेंगे ?सरहद पर -कारगिल में अपनी हड्डिया तक गलाने वाले कर्णधारो की आत्मा का ख्याल है हमें ?
मित्रों जो अपनों का ख्याल नहीं करते दूसरे उनका भी ख्याल नहीं करते !!!पित्र मोक्ष श्राद्ध पर अगर हम इन अपनों को पुष्पांजलि भी नहीं देंगे तो शायद हमें कोई कंधा भी न दे ....????
तो क्या हम उन्ही का श्राद्ध करेंगे ..जिन्हें हम आसानी से जानते है !या जाने -अनजाने में गुजर गए देशवासियों के तर्पण की भी शुध लेंगे....?क्या हमें पता है -हजारोंलोग तड़प-तड़प कर अपनी जान उन दवाओंकी टेस्टिंग में दे देते है जिनके कारन आज दुनिया तंदुरुस्त है ...इन दधिचियो को आप तर्पण नहीं देंगे ?..यदि नहीं तो आप तो उस सिस्टम से भी बुरे है जो इन शहीदों को मुआवजेलायक भी नहीं मानता ...!!!ऐसे ही बड़े-बड़े बांधो के बहाव के लिए अपने सपनो को आंसुओं में बहा कर तिल -तिल कर जान देने वाले देवदूतो के तर्पण के लिए भी क्या आपके हाथ नहीं उठेंगे ?
आतंक वाद से हमारी रक्षा करते-करते शहीद हुए वीरो को भूलेंगे क्या? नक्सली अराजकता से देश को बचाने में वीरगति को प्राप्त जवानो का पुण्य स्मरण नहीं करेंगे ?महगाई डायनके ग्रास बने अपनों को बिसरा देंगे ? आत्मघाती मजबूर किसानो की आत्मा को तृप्त नहीं करेंगे ?सरहद पर -कारगिल में अपनी हड्डिया तक गलाने वाले कर्णधारो की आत्मा का ख्याल है हमें ?
मित्रों जो अपनों का ख्याल नहीं करते दूसरे उनका भी ख्याल नहीं करते !!!पित्र मोक्ष श्राद्ध पर अगर हम इन अपनों को पुष्पांजलि भी नहीं देंगे तो शायद हमें कोई कंधा भी न दे ....????
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