Sunday, December 18, 2011

बालिका भ्रूणहत्या

आज महोबा रोडएवंजिला अस्पताल के पास छतरपुर नगर में नवजात भ्रूण मिलने कि खबर आई है ....खबर चलेगी -बिकेगी और पिछले दिनों कि भांति ही लिंग परीक्षणों कि प्रवति जारी रही तो ...तो इस बात की  भी  क्या गारंटी है कि आगे सडको पर मानवता शर्मसार नहीं होगी ????....अमूनन रोज ही ऐसी  उब्कायिया भरी खबरें अखबारों में फिलर्स बनी आती है  तो कभी -कभी किसी चैनल के   क्राइम  रिपोर्टर कि नोकरी पक्की करती है ....!!!!...इन चीजों से इतना तो साफ़ है कि सिर्फ गरियाने से यह बी मारी खत्म नहीं होगी ...!!!  
                                     दरसल इस बीमारी की जड़ हमारी उस मानसिकता में छुपी है जो बेटे के जन्म में ही खुशियाँ  देखती है ??....इसकी पुष्टि हाल  ही की जनगढ़ना के उस   आरंभिक निष्कर्स से भी होती है जिसके अनुसार जिले में जन्म से ६ वर्ष के आयु वर्ग में लिंगानुपात घटा है ....!!!!...पिछले ९१७ की तुलना में सिर्फ ८९४ प्रति हजार का आरंभिक अनुमान है ....यहाँ पर कुलआयु वर्ग में लिंगानुपात ८६९ से बढ़कर८८४ होने की  सार्थकता धुँधली हो जाती है  क्योकि हम बेटियों को जन्मने ही नहीं दे रहे ,,,???..खबरों के मुताबिक .कसाईयो का  एक हिस्सा जिले के सीमावर्ती क्षेत्रो में  वेन आदि में सोनोग्राफी  मशीन के अवैधानिक प्रयोग से गर्भस्थ शिशु को बालिका भ्रूण पाने पर समापन करता है तो कही -कही चोरी छुपे ऐसा समापन किया जाता है ......मित्रों यह गर्भ समापन नहीं वरन शुद्ध मानव वध है ...यह पेट की सफाई नहीं व  ल्कि क्रूर हत्या है ...!!!..जिस प्रकार मिक्सी से जूस निकला जाता है वैसे ही बालिका  भ्रुण को विभत्सता के साथ मौत के घाट उतारा जाता है ...???
                                                        आज भले ही लिंगपरिक्षण क़ानूनी अपराध हो और इसकी सुचना देने वाले को ए़क लाख रु,तक का इनाम घोषित हो पर इसके लिए हमें ए़क सामाजिक आंदोलन की जरुरत है और म.प्र. शासन ने बेटी -बचाओ अभियान के रूप में इसकी अलख भी जगाई है पर इसकी सफलता तभी है जब आप और हम इसे मात्र सरकारी अभियान न समझते हुए बेटी बचाने आगे आये..... विशेषकर तब जब   लिंग परिक्षण और   भ्रूणहत्या  गाँवों की तुलना में शहरों में ज्यादा हो
रही हों......???

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