Saturday, July 21, 2012

जन्मदिन

                       मित्रों जन्म और जन्मदिन  को  लेकर जन्म जन्मांतर से लेकर नाना प्रकार के अफ़साने सामने आते रहे है ...आते रहेंगे ....!!!! मुर्गी पहले या अंडा जेसी पहेलियाँ नाना -नानी ..दादियों के बीच नोनिहालो के  कोतुहल का विषय बनी रही है ..!!! जन्म के साथ ही सृष्टि का सनातनी प्रताप जारी है ...गर्भाधान से पुंसवन -प्रसूति -अन्नप्राशन-जन्मदिन की लड़ी आखिरकार पंचतत्व में विलीन हो जाती है ...विलीनता में ही जीवन की विराटता छुपी है...???
                                        इस विराटता का क्या कीजे जब नश्वर संसार के नश्वर प्राणी डाऊ के खेलो पर लन्दन में तालियाँ पीटेगे...कपडे फाड़ती भीड़ के फोटू भर खीचेंगे ...पदक विजेता का एम्.एम्.इस. परोसेंगे ...बिस्तर  चटवाने का दंभ  भरेंगे....!!!!..दरसल विराटता अंतर्मन में... आत्मा की गहराई में परमात्मा के दरसन में है ....जिसे दर्शन हो गए वो अपना -पराया -तेरा- मेरा के अंतरद्वंद से ऊपर हो कर जन्म दिन का सच्चा आनंद  उठा पायेगा ...वर्ना आत्मा का बोझ जीवन को कसेला करता रहेगा ..!!!..आत्मा  को  बोझिल मत करो ..अपने मन को मत मारो ..फिर देखो जन्मदिन की ...जीवन की विराटता का सच्चा दरसन ....!!!!..दर्शन का साहस कर पाएँगे,,???
                                              

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